Azan in Karnataka school : नमाज अदा करने और अजान बजाने पर बवाल, स्कूल प्रबंधन ने मांगी माफी

Azan in Karnataka school : हिंदू जनजागृति समिति के मोहन गौड़ा ने इस पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये वही स्कूल है जिसने अतीत में हिंदू छात्रों के माथे पर बिंदी-चूड़ियां लगाने और पायल पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

Update: 2022-11-16 13:26 GMT

Azan in Karnataka school : नमाज अदा करने और अजान बजाने पर बवाल, स्कूल प्रबंधन ने मांगी माफी

Azan in school : कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद अब उडुपी के एक मिशनरी स्कूल में नमाज अदा करने और अजान बजाने को लेकर बवाल की स्थिति है। हिंदू जनजागृति मंच ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान अजान बजाने पर उग्र विरोध जताया है। साथ के उडुपी के अन्य संगठनों ने भी इस घटना पर तीखी आलोचना की है। इस घटना के निशाने पर आये जेसुइट स्कूल प्रबंधन ने माफी मांग ली है।

दरअसल, उडुपी जिले के कुंडापुर तालुक के शंकरनारायण शहर में मदर टेरेसा मेमोरियल स्कूल ने एक खेलकूद का आयोजन किया था। दो दिन पहले कार्यक्रम के दौरान छात्रों से कथित तौर पर नमाज अदा करने को कहा गया और लाउडस्पीकर पर अजान बजाई गई।

स्कूल प्रबंधन ने माना गलती हुई, ऐसा नहीं होना चाहिए था



कुछ ही देर में नमाज और अजान बजाने का वीडियो सोशल मीडिया परवायरल हो गया। कथित वीडियो वायरल होते ही कुछ हिंदू संगठनों के सदस्यों ने स्कूल के सामने विरोध प्रदर्शन किया। स्कूल प्रबंधन ने माफी मांगते हुए माना कि अजान बजाना गलती थी। एक अन्य कथित वीडियो में स्कूल के शिक्षक को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि प्रार्थना का आयोजन समाज में सद्भाव और समानता दिखाने के लिए किया गया था, लेकिन अजान बजाना एक गलती थी।

घटना के बाद से विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय एकता के लिए राष्ट्रगान और राष्ट्रीय गीत के अलावा कोई दूसरा गीत नहीं हो सकता। 15 नवंबर को भ्ज्ञी कुछ हिंदू संगठनों ने स्कूल प्रबंधन के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन किया। हिंदू जनजागृति समिति के प्रवक्ता मोहन गौड़ा ने हिंदू छात्रों को नमाज अदा करने के लिए मजबूर करने के लिए स्कूल प्रबंधन की तीखी निंदा की है। गौड़ा ने एक बयान में आरोप लगाया कि स्कूल ने अतीत में हिंदू छात्रों के माथे पर बिंदी लगाने, चूड़ियां और पायल पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था जो कर्नाटक शिक्षा अधिनियम के खिलाफ था। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग और राज्य के शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराएंगे। 

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