फिर उठी 69 हजार शिक्षक भर्ती की मांग, लोग बोले - सरकार चोर नहीं तो सार्वजनिक करे चयनित उम्मीदवारों के नाम
चंद्रशेखर आजाद ने कहा- मैं 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले से पीड़ित छात्रों के साथ आंदोलन स्थल, लखनऊ पर बैठा हुआ हूँ, छात्र न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम उनके साथ हैं, सरकार को न्याय देना ही होगा....
जनज्वार। उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए जनवरी 2019 में सहायक अध्यापक पद पर परीक्षा का आयोजन किया गया था। 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया में अनुसूचित जनजाति के पद खाली रह गए थे। जानकारों के मुताबिक अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता के कारण इन पदों को भरा नहीं जा सका था। इन भर्तियों को लेकर आवाज एक बार फिर से उठ गई है। ट्विटर पर ''69 हजार शिक्षक आरक्षण घोटाला'' इस समय टॉप ट्रेंड है।
उम्मीदवारों के आंदोलन को धार देने पहुंचे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने ट्वीट में कहा, ''मैं 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले से पीड़ित छात्रों के साथ आंदोलन स्थल, लखनऊ पर बैठा हुआ हूँ। छात्र न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम उनके साथ हैं। सरकार को न्याय देना ही होगा।''
आजाद समाज पार्टी के प्रवक्ता सूरज कुमार बौद्ध ने ट्वीट कर लिखा- 2 अगस्त को योगी ने आदेश दिया था कि यूपी 69 हजार आरक्षण घोटाला एक सप्ताह के भीतर सुलझा लिया जाएगा। महीना खत्म होने को है लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया।
मिशन अंबेडकर ट्विटर हैंडल ने लिखा- "यदि सरकार चोर नहीं है, तो चयनित उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक डोमेन में रखें। भाजपा डरी हुई है क्योंकि वह बहुजन के प्रति पक्षपाती है।"
अंशुमान नाम के यूजर ने लिखा-69000 शिक्षक भर्ती में बड़ा घोटाला हुआ है, जिसका सीधा असर सरकार द्वारा ओबीसी, एससी, एसटी वर्ग के युवाओं पर पड़ रहा है। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है जो अस्वीकार्य है।
ट्विटर यूजर आजाद अनिकेत लिखते हैं- जब राजनीति आपका भविष्य तय करती है, तो आप अपनी राजनीति क्यों नहीं तय करते? न्याय मिलने तक हम धरना स्थल से बाहर नहीं जा रहे हैं।