झारखंड में इन दिनों इस वजह से चर्चा में हैं लीजा उरांव, आइएएस बनने के संकल्प

आदिवासी हितों के नाम पर 2000 में झारखंड का गठन हुआ। इस बार 20 साल में पहली बार सीबीएसइ 10वीं की परीक्षा में एक आदिवासी लड़की ने टाॅप किया, जिससे वे चर्चा में हैं...;

Update: 2020-07-18 05:41 GMT
झारखंड में इन दिनों इस वजह से चर्चा में हैं लीजा उरांव, आइएएस बनने के संकल्प
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जनज्वार।  झारखंड में इन दिनों राज्य की 10वीं सीबीएसइ टाॅपर लीजा उरांव चर्चा में हैं। उनके चर्चा में होने की वजह उनका सिर्फ टाॅपर होना नहीं है, बल्कि झारखंड राज्य गठन के बाद पहली बार किसी आदिवासी बच्ची के 10वीं की परीक्षा में स्टेट टाॅपर बनने पर है। 2000 में झारखंड गठन आदिवासी अधिकारों व स्थानीयता के सवाल पर हुआ था, ताकि इस समाज के लिए आगे बढने के बेहतर अवसर सृजिए हो सके।

लीजा उरांव रांची के हेहल स्थित डीएवी स्कूल की छात्रा हैं और उन्होंने सीबीएसइ परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक प्राप्त किया है। उन्हें हिंदी में 100, विज्ञान में 99, गणित में 98, सोशल साइंस में 98 व आइटी में 100 अंक प्राप्त हुए।

रांची जिले के मांडर प्रखंड के टांगरबसली गांव की रहने वाली लीजा उरांव के माता-पिता दोनों शिक्षक हैं। लीजा आगे विज्ञान विषय लेकर पढना चाहती हैं और भविष्य में आइएएस की परीक्षा पास करना उनका लक्ष्य है। 

लीजा से पहले एक आदिवासी छात्रा सोनाली इला एक्का ने सीबीएसइ 12वीं की परीक्षा में स्टेट टाॅप किया था।

लीजा ने अपने मौजूदा स्कूल में ही आगे की पढाई की बात कही हैै। उनके विद्यालय के प्राचार्य ने उनकी आगे की सारी फीस माफ करने की घोषणा की है।

लीजा की इस सफलता पर विभिन्न आदिवासी संगठनों ने भी प्रसन्नता जतायी है।

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