MBPG कॉलेज हल्द्वानी में ABVP कार्यकर्ताओं द्वारा छात्रों-पत्रकार पर हमले के खिलाफ मुखर हुईं आवाजें, उत्तराखण्ड पुलिस पर गंभीर आरोप
आज देश के विभिन्न कॉलेज एवं विश्वविद्यालय परिसरों में एबीवीपी की गुंडागर्दी चरम पर है। दिल्ली विश्वविद्यालय हो या जेएनयू, जादवपुर यूनिवर्सिटी हो या बीएचयू सभी जगहों पर यह संगठन आरएसएस-भाजपा के फ़ासीवादी उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिये गुंडों के गैंग की तरह काम कर रहा है...
Haldwani news : उत्तराखण्ड के हल्द्वानी स्थित एमबीपीजी कॉलेज में भगत सिंह जयंती 28 सितंबर को पछास कार्यकर्ताओं पर एबीवीपी द्वारा हमला किये जाने के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं। लालकुआँ में इंकलाबी मजदूर केन्द्र, प्रगतिशील महिला एकता केन्द्र व प्रगतिशील भोजनमाता संगठन ने संयुक्त रूप से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकताओं का पुतला दहन कर सभा की।
गौरतलब है कि 28 सितंबर को भगत सिंह के जन्मदिवस पर परिवर्तनकामी छात्र संगठन ने MBPG महाविद्यालय में भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण का कार्यक्रम रखा हुआ था, जो शान्तिपूर्वक चल रहा था। कार्यक्रम में सभा के दौरान ही ABVP से जुड़े आपराधिक प्रवृत्ति के कार्यकर्ताओं ने पछास के कार्यकर्ताओं एवं हिन्दुस्तान अखबार के पत्रकार प्रमोद डालाकोडी पर कायराना एवं जानलेवा हमला किया, जिसमें पछास के महासचिव महेश कार्यकारीणी सदस्य चन्दन एवं पत्रकार प्रमोद डालाकोटी को गम्भीर चोटें आईं। जानलेवा हमला करने वालों में ABVP के गुण्डे सूरज सिंह रमोला, कौशल विरखानी, कार्तिक बोरा एवं अन्य दर्जन कार्यकर्ता शामिल थे।
इस घटना की घोर निंदा करते हुए सभी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कहा कि मुसोलिनी की फासीस्ट पार्टी और हिल्लर की नाजी पार्टी की तर्ज पर बजे से संघ-भाजपा के फासीवादी ABVP जैसे संगठनों पर प्रतिबन्ध लगाया जाए और मारपीट करने वाले लम्पट हिटलर और मुसोलिनी की संतान स्वरूपी ABVP के गुंडों को गिरफ्तार किया जाए। इस कार्यक्रम मे पंकज, पुष्पा, विमला, बसन्त, मनोज, बाबूलाल, शम्भूनाथ सत्यप्रकाश, बिन्दू, शीला, मुन्नालाल आदि साथी शामिल रहे।
इस घटना के विरोध में इंकलाबी मजदूर केंद्र ने धरना-प्रदर्शन भी किया। भगतसिंह का जन्मदिवस मना रहे परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं एवं हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार के साथ मारपीट करने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े अराजक तत्वों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग के साथ लखनपुर चौक पर एबीवीपी का पुतला फूंका गया।
वक्ताओं ने कहा कि आज देश के विभिन्न कॉलेज एवं विश्वविद्यालय परिसरों में एबीवीपी की गुंडागर्दी चरम पर है। दिल्ली विश्वविद्यालय हो या जेएनयू, जादवपुर यूनिवर्सिटी हो या बीएचयू सभी जगहों पर यह संगठन आरएसएस-भाजपा के फ़ासीवादी उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिये गुंडों के गैंग की तरह काम कर रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि शहीद भगतसिंह के विचार आजाद भारत के सत्ताधारियों को भी कटघरे में खड़ा करते हैं। केंद्र की सत्ता पर काबिज आर एस एस-भाजपा, जो कि अडानी-अम्बानी सरीखे इजारेदार पूंजीपतियों के हितों को एकदम नंगे रूप में आगे बढ़ा रहे हैं, को तो भगतसिंह के विचार एकदम ही नागवार हैं। भगतसिंह सांप्रदायिक ताकतों से घोर नफरत करते थे और वे इन्हें जनता को आपस में बांटकर अंग्रेजों की मदद करने वाली ताकतें बताते थे। यही वजह है कि इनसे जुड़े छात्र संगठन एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने भगतसिंह का जन्मदिवस मना रहे परिवर्तनकामी छात्र संगठन के कार्यकर्ताओं पर हमला किया और घटनाक्रम की कवरेज कर रहे हिंदुस्तान अखबार के पत्रकार को भी नहीं बख्शा और उनके साथ भी मारपीट की।
इस मामले में पुलिस ने अभी तक भी कोई कार्यवाही नहीं की है और हमलावर खुले घूम रहे हैं। असल में उत्तराखंड की पुलिस आरएसएस-भाजपा की शाखा की तरह काम कर रही है। वक्ताओं ने सभी हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार किये जाने की मांग की।
विरोध प्रदर्शन में इंकलाबी मज़दूर केंद्र के रोहित रुहेला, भुवन आर्य, कमल वर्मा, परिवर्तनकामी छात्र संगठन के विनोद, प्रीति, अंकिता, हिमानी, प्रगतिशील महिला एकता केंद्र की तुलसी छिम्वाल, प्रगतिशील भोजन माता संगठन की शारदा, प्रभा, महिला एकता मंच की कौशल्या एवं उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के मनमोहन अग्रवाल इत्यादि शामिल रहे।