हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने रैगिंग करने वाले 44 छात्रों पर लगाया 11 लाख का जुर्माना, एक छात्र को किया हॉस्टल से निष्कासित

छात्रों ने अपने जूनियर स्टूडेंट को डरा-धमकाकर उसे मुर्गा बनने को भी मजबूर किया, खास बात यह रही कि रैगिंग कर रहे इन इस वरिष्ठ छात्रों ने इस दौरान अपनी पहचान छिपाने के इरादे से वीडियो कॉलिंग में अपना चेहरा तक नहीं दिखाया...

Update: 2022-12-13 14:39 GMT

file photo

Haldwani Medical College : राज्य के कुमाउं मण्डल के एक कॉलेज में वरिष्ठ छात्रों द्वारा कनिष्ठ छात्रों की रैगिंग किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मण्डल के हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज में हुई रैगिंग की इस घटना पर कॉलेज प्रशासन ने एक छात्र को हॉस्टल से निष्कासित करते हुए 44 छात्रों पर 11 लाख का जुर्माना लगाया है। रैगिंग के इस ताजा मामले में एक छात्र को वीडियो कॉलिंग कर उससे गाली-गलौज करते हुए उसे मुर्गा बनाने का आरोप था।

बता दें कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज अक्सर नकारात्मक खबरों में रहता है। हर वर्ष यहां से छात्रों की गुटबाजी, लड़ाई झगड़े आदि की खबरें आती रहती हैं। इस बार भी यह हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज रैगिंग को लेकर चर्चा में है। इस संस्थान के एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के अध्ययनरत छात्रों पर इसी संस्थान के कनिष्ठ छात्र के साथ वीडियो कॉलिंग कर उसके साथ गाली-गलौज करने और उसे मुर्गा बनाने का आरोप लगा है। घटना नौ दिसंबर की है, जिसका कॉलेज प्रशासन को भी बाद में पता चला।

जानकारी के मुताबिक बीती 9 दिसंबर को एमबीबीएस 2021 बैच के एक छात्र ने कनिष्ठ छात्र को फोन करके उसे व्हाइट कोट सेरेमनी के बारे में जानकारी देने के बहाने अपने कमरे में बुला लिया। इसके बाद वहां संस्थान के अन्य वरिष्ठ छात्रों ने वीडियो कॉल करते हुए छात्र के साथ गाली-गलौज की। इतना ही नहीं इन वरिष्ठ छात्रों ने अपने जूनियर स्टूडेंट को डरा-धमकाकर उसे मुर्गा बनने को भी मजबूर किया। खास बात यह रही कि रैगिंग कर रहे इन इस वरिष्ठ छात्रों ने इस दौरान अपनी पहचान छिपाने के इरादे से वीडियो कॉलिंग में अपना चेहरा तक नहीं दिखाया।

इस मामले में रैगिंग का शिकार बने छात्र में अपने साथ हुई इस घटना की सूचना रात में ही कॉलेज के प्राचार्य को दी। सूचना मिलते ही प्राचार्य तुरंत वार्डन को साथ लेकर छात्रावास पहुंच गए। जहां उन्होंने वहां मौजूद छात्रों से मामले की जानकारी लेने के बाद पूरे मामले से कॉलेज की रैगिंग विरोधी समिति को अवगत कराया। रैगिंग का मामला समिति के सामने आने के बाद समिति में शामिल सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक हरबंश सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता कुसुम दिगारी ने सभी आरोपी छात्रों समेत पीड़ित छात्रों और उनके अभिभावकों के बयान लिए, जिसके बाद पीड़ित छात्र के साथ रैगिंग की पुष्टि होने पर प्राचार्य ने आरोपी छात्रों के खिलाफ कार्यवाही की।

इस मामले में कॉलेज के प्राचार्य अरुण जोशी ने बताया कि जूनियर छात्र के साथ हुई इस घटना के मामले में कॉलेज प्रशासन ने एक मुख्य आरोपी छात्र पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए उसे छात्रावास से निष्कासित कर दिया है, जबकि 43 अन्य छात्रों पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

प्राचार्य ने बताया करीब एक महीने पहले ही मेडिकल कॉलेज में नए सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया समाप्त हुई है। किसी भी नए प्रवेशार्थी के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार सहन नहीं किया जायेगा। यदि किसी ने संस्थान के शैक्षिक वातावरण की इस प्रकार की अनुचित हरकत करते हुए दूषित करने का प्रयास किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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