JNU में AISA-ABVP के बीच फिर झड़प, जानें कैंपस कब-कब बना अखाड़ा

JNU Violence : दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर छात्र संगठन आपस में भिड़ गए। इस झड़प में कई छात्र घायल हो गए हैं। छात्र संगठन एबीवीपी और आइसा ने एक दूसरे पर मारपीट करने का आऱोप लगाया है।

Update: 2021-11-15 12:38 GMT

देश की शान JNU में पहली बार जाति का जहर घोलने के पीछे कौन, जानें दुनिया भर में क्यों चर्चित है ये संस्थान 

JNU Violence : दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एक बार फिर छात्र संगठन आपस में भिड़ गए। इस झड़प में कई छात्र घायल हो गए हैं। छात्र संगठन एबीवीपी (ABVP) ने आइसा पर मारपीट करने का आऱोप लगाया है। वहीं, वामपंथी छात्र संगठन आइसा (AISA) एबीवीपी पर हमले की आरोप लगा रही है।

ये घटना रविवार, 14 नवंबर की रात की बताई जा रही है। बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है कि ऐसा मामला सामने आया है, बल्कि इससे पहले भी ऐसे मामले आते रहते हैं। कैंपस (JNU Campus) में इससे पहले भी गुटबाज़ी की घटना हुई है।

सूत्रों के अनुसार, कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) से संबन्ध रखने वाले आइसा और एसफआई छात्र संगठनों की बीजेपी से संबंध रखने वाली एबीवीपी के सदस्यों के साथ मीटिंग को लेकर बुरी तरह झड़प हो गई।

एबीवीपी ने एक बयान में कहा है कि वामपंथी छात्रों ने उनके कैडर पर हमले किए, जिसमें उनके दर्जनों सदस्य बुरी तरह से घायल हो गए हैं। घायलों में महिला सदस्य भी शामिल हैं। छात्र संगठन का कहना है कि जिन सदस्यों को गंभीर चोटें आई हैं, उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया है।

उधर, जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष (JNU Student Association ) आई सी घोष (IC Ghosh) ने इस घटंना के बारे में ट्वीट कर कहा - "एबीवीपी के गुंडों ने जेएनयू में आज फिर हिंसा फैलाई। बार-बार इन अपराधियों ने छात्रों पर हिंसा की है और कैंपस में लोकतंत्र को बाधित किया है। क्या जेएनयू प्रशासन अब भी चुप रहेगा ? इन गुंडों पर कोई कार्रवाई होगी?"

वहीं, एबीवीपी की ओर से कहा गया है कि उसके कुछ सदस्य एक बैठक कर रहे थे, जब कुछ वामपंथी छात्रों ने बैठक में बाधा डाली। जिसके बाद ये झड़प शुरू हो गई। दोनों गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ थाने में शिक़ायत दर्ज़ कराई है।

वहीं, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने कहा है कि वे एबीवीपी और वामपंथी सदस्यों द्वारा दर्ज की गई शिकायतों की जांच कर रहे हैं और तथ्यों का पता चलने के बाद कार्रवाई शुरू की जाएगी।

उधर, एबीवीपी नेता निधि त्रिपाठी ने कहा - ''शांतिपूर्ण तरीक़े से बैठक कर रहे एबीवीपी (जेएनयू) के कार्यकर्ताओं पर वामपंथियों ने हमला कर दिया है। एबीवीपी के कार्यकर्त्ता की उंगली तोड़ दी और दिव्यांग छात्र को भी मारा।"

वैसे यह पहली बार नहीं है, जब छात्र संगठनों के बीच हिंसा के आरोप सामने आए हों। इससे पहले कई मौकों पर ऐसी घटनाएं सामने आई हैं।

पिछले 5 सालों में हुई हिंसक झड़प की घटनाएं

2016 में जेएनयू के छात्र नजीब पर एबीवीपी के हमले के आरोप के बाद विरोध प्रदर्शन। हिंसक झड़पों की घटनाएं सामने आई।

2017 में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे मोहित और बाकी छात्रों ने हमले का आरोप लगाया। ये लोग नजीब मामले में प्रोटेस्ट कर रहे थे। तभी साबरमती ढाबे में आपसी झगड़े की घटना सामने आई।

2018 में छात्रसंघ चुनाव से पहले, बाद में और मतगणाना के समय काउंटिग रोकने और हमले की घटना सामने आई। चुनाव के बाद विक्ट्री मार्च के दौरान झड़प की घटना सामने आई।

2019 में 3, 4 व 5 जनवरी को लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों के बीच कई बार छोटी झड़प हुई।

2020 में लाइब्रेरी और जेएनयू के हॉस्टल में संदिग्ध लोगों के हमले की सूचना ने हड़कंप मचा दिया था।

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