Karnataka News : 13000 निजी स्कूलों के संगठनों ने PM को लिखी चिट्ठी, बोम्मई सरकार को बताया महाभ्रष्ट, क्या Modi करवाएंगे मामले की जांच
Karnataka News : क्या पीएम मोदी कर्नाटक शिक्षा विभाग में जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ भी जांच का आदेश देंगे, जैसा की उन्होंने विपक्षी दलों की सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को जांच की खुली छूट दे रखी है।
Karanataka News : बारह दिन पहले यानि देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर पीएम नरेंद्र मोदी ( PM Modi) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लाल किले के प्राचीर से युद्ध का ऐलान किया था। इस मसले पर अब पीएम ( PM ) के सामने अब खुद एक अग्निपरीक्षा से गुजरने की घड़ी आ गई है। परीक्षा की घड़ी इसलिए कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार, दिल्ली में केजरीवाल सरकार, झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार सहित अन्य विपक्षी दलों की सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को लेकर ईडी, सीबीआई, इंकम टैक्स, सीबीडीटी जैसी एजेंसियां ताबड़तोड कार्रवाई कर रही हैं लेकिन भाजपा शासित राज्य कर्नाटक में इस मुहिम को अंजाम देने का समय आ गया है। तो क्या पीएम मोदी ( PM Narendra Modi ) कर्नाटक ( Karnataka ) में बोम्मई सरकार ( Karnataka Government ) के शिक्षा विभाग ( Education Department ) में जारी भ्रष्टाचार के खिलाफ भी जांच का आदेश देंगे, जैसा की उन्होंने विपक्षी दलों की सरकारों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों को जांच की खुली छूट दे रखी है।
पीएम शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की कराएं जांच
दरअसल, कर्नाटक के 13000 निजी और गैर सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है। स्कूल संघों ने दावा किया है कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा मंत्री बीसी नागेश की कई शिकायतें और दलीलें अनसुनी कर दी गई हैं। बोम्मई सरकार बीसी नागेश की शिकायत पर जांच कराने के लिए तैयार नहीं है। भाजपा सरकार के इस रवैये से परेशान कर्नाटक में कम से कम 13,000 स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो संघों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। निजी स्कूल संगठनों से शिक्षा विभाग में जारी भ्रष्टाचार की जांच की भी मांग की है।
सरकार के फरमान पर अमल करना नामुमकिन
प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों के एसोसिएटेड मैनेजमेंट और द रजिस्टर्ड अनएडेड प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने पीएम मोदी से राज्य के शिक्षा विभाग द्वारा शैक्षणिक संस्थानों को मान्यता प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मांगी जा रही कथित रिश्वत पर गौर करने की भी अपील की है। निजी स्कूल संगठनों की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि अवैज्ञानिक, तर्कहीन, भेदभावपूर्ण और गैर.अनुपालन मानदंड केवल गैर-सहायता प्राप्त निजी स्कूलों पर लागू करने का फरमान सुनाया जाता है। इस पर अमल न होने की स्थिति में भाजपा सरका में मंत्री और नेता भारी भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं।
स्कूली शिक्षा को खत्म करने की साजिश
कर्नाटक शिक्षा विभाग की स्थिति को सुनने और समझने और मुद्दों को हल करने में कोई रुचि नहीं है। भाजपा के दो अलग.अलग मंत्रियों ने सचमुच उन स्कूलों को आगे बढ़ाने के बदले नुकसान पहुंचाने का काम किया है। शिक्षा मंत्री अधिक से अधिक निवेशकों को अनुमति देकर शिक्षा का व्यवसायीकरण कर रहे हैं। निजी स्कूल संचालकों को बच्चों के अभिभावकों से कीमत वसूलने की खुली छूट दे दी है। निजी स्कूल संगठनों का आरोप है कि नये शैक्षणिक वर्ष की शुरुआत के बावजूद सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्य पुस्तकें अभी तक स्कूलों नहीं मिली हैं। यह सब स्कूली शिक्षा को खत्म करने की साजिश जैसा है।
निजी स्कूल संघों का कहना है कि शिक्षा मंत्री को कठोर मानदंडों को उदार बनाने और नियमों और विनियमों को बनाने की कोई चिंता नहीं है जो कि सार्वजनिक और निजी दोनों स्कूल माता-पिता और छात्रों पर बोझ डाले बिना व्यावहारिक और शारीरिक रूप से लागू कर सकते हैं। स्कूल संघों ने पीएम मोदी से आरोपों को देखने और कर्नाटक शिक्षा मंत्रालय के मामलों की जांच शुरू करने का आग्रह किया है।