Kerala News : जिन छात्राओं को innerwear हटाने को किया गया मजबूर, उन्हें NEET परीक्षा में बैठने का मिला एक और मौका

Kerala News : जिन छात्राओं को इनरवियर उतारने ( remove innerwear ) के लिए मजबूर किया गया उन्हें एनटीए ( NTA ) ने एक बार फिर से एग्जाम ( NEET Exam ) में बैठने का मौका देने का फैसला लिया।

Update: 2022-08-27 07:58 GMT

file photo

Kerala News : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ( NTA ) द्वारा 17 जुलाई को आयोजित नीट एग्जाम ( NEET Exam ) के दौरान केरल के कोल्लम स्थित एक परीक्षा केंद्र पर जिन छात्राओं को इनरवियर उतारने ( remove innerwear ) के लिए मजबूर किया गया था उन्हें एनटीए ( NTA ) ने एक बार फिर से एग्जाम ( NEET Exam ) में बैठने का मौका देने का फैसला लिया है। एनटीए उन छात्रों के लिए केरल में फिर से परीक्षा आयोजित करेगी। एनटीए ने कोल्लम के अयूर में मार थोमा इंस्टिट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की परीक्षा में शामिल और इनरवियर (innerwear) उतारने के लिए मजबूर की गई छात्राओं को इसके बारे में जानकारी भी दी हैं

एनटीए ( NTA ) ने पीड़ित छात्राओं को जारी मैसेज में कहा है कि अब यह परीक्षा एसएन पब्लिक स्कूल कोल्लम में आयोजित की जाएगी। बता दें कि अयूर केंद्र में 17 जुलाई को एनईईटी परीक्षा ( Neet Exam ) में शामिल होने वाली कई लड़कियों को अपमानित किया गया था। जब एनटीए ( NTA ) द्वारा नियुक्त एक एजेंसी द्वारा लड़कियों की तलाशी लेने के लिए तैनात महिलाओं ने हुक वाले इनरवियर उतारने के लिए छात्राओं को मजबूर किया था।

7 लोगों की हुई थी गिरफ्तारी

केरल (Kerala ) के एक परीक्षा केंद्र पर 17 जुलाई को इनरवियर उतरवाने का मामला सामने आने के बाद कुछ छात्रों ने पुलिस में इस बात की शिकायत दर्ज कराई थी। मामला प्रकाश में आने के बाद इस घटना से आक्रोश फैल गया था। देशभर में इस घटना की तीखी आलोचना हुई थी। इतना ही नहीं घटना में लड़कियों की तलाशी लेने वाली महिलाओं और नीट के समन्वयक समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

एग्जाम में शामिल होना बाध्यकारी नहीं

Kerala News : इस मामले में अब कोल्लम पुलिस के सामने मामले को उठाने वाले माता-पिता में से एक सी गोपकुमार ने कहा कि उनकी बेटी को 4 सितंबर को होने वाली परीक्षा के संबंध में एक मैसेज मिला है। मैसेज में बजाया गया है कि उसी केंद्र पर परीक्षा में शामिल होने वाली कई अन्य लड़कियों को भी एक और मौका मिला है, लेकिन यह अनिवार्य नहीं है कि वे दोबारा परीक्षा दें। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक विकल्प है। लड़कियों की मर्जी पर है कि वो एग्जाम में शामिल हों या नहीं। 

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