Prof. Ravi Kant Chandan Attacked : लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर हमला, पहले ही बताया था 'जान का खतरा'

Prof. Ravi Kant Chandan Attacked : प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि कार्तिक पांडेय नाम के युवक और उसके कुछ साथियों ने मुझपर हमला किया, मेरे साथ हाथापाई कर युवक घटनास्थल से फरार हो गए.....;

Update: 2022-05-18 13:57 GMT

Prof. Ravi Kant Chandan Attacked : लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर पर हमला, पहले ही बताया था जान का खतरा

Prof. Ravi Kant Chandan Attacked : लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर और दलित चिंतक डॉ. रवि कांत चंदन (Dr. Ravi Kant Chandan) पर हमले की खबर सामने आ रही है। जनज्वार से बात करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि बुधवार को दोपहर 1 बजे के करीब कार्तिक पांडेय नाम के युवक और उसके कुछ साथियों ने मुझपर हमला किया। मेरे साथ हाथापाई कर युवक घटनास्थल से फरार हो गए।

डॉ. रविकांत चंदन (Prof. Ravi Kant Chandan Attacked) ने इस मामले में लखनऊ के हसनपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। डॉ. रवि चंदन ने बताया कि इस मामले में उनकी ओर से एफआईआर दर्ज की गई है लेकिन पिछले मामले में अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।

क्या हुआ था मामला

बता दें कि पिछले दिनों डॉ. रवि कांत चंदन एक डिजिटल न्यूज मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक डिबेट में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद पर चल रहे विवाद को लेकर पट्टाबि सितारमैया की किताब का हवाला देते हुए टिप्पणी की थी। इसके बाद एबीवीपी से जुड़े छात्रों ने इसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला बताते हुए कई घंटे तक उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था।

काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद पर टिप्पणी

इसके बाद प्रोफेसर ने 'जनज्वार' को बताया था कि परसो शाम को मैं आशुतोष जी के साथ 'सत्य हिंदी' पर डिबेट में था। काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जो विवाद चल रहा था उसी को लेकर बातचीत थी। उसी के क्रम में वहां पर कैसे मंदिर टूटा है और मस्जिद कैसे बनाई गई है, इसी के संदर्भ में पट्टाभि सितारमैया ने अपनी किताब फेदर्स एंड स्टोन में जिस कहानी को लिखा है, उसी का जिक्र मैंने उस डिबेट में किया था कि मस्जिद यहां कैसे बने।

उन्होंने बताया था कि मेरे वक्तव्य और लेखक के संदर्भ को काटकर मेरे खिलाफ प्रचारित किया गया कि मैं हिंदू भावनाओं को भड़का रहा हूं जबकि मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था। मैं तो केवल उस घटना का जिक्र कर रहा था जो कहानी के रूप में है, वह तथ्यात्मक रूप में भी नहीं है, मैंने इसको भी कहा। बावजूद इसके आज एबीवीपी के छात्रों और साथ ही साथ बाहर के तत्वों ने जो यहां के छात्र नहीं थे, उन्होंने आकर माहौल खराब किया। उन्होंने आपत्तिजनक नारे लगाए, गोली मारो साX को..इस तरह के नारे लग रहे थे।

बावजूद इसके जो पुलिस प्रशासन था उसके सहयोग से हमने विद्यार्थियों के साथ बात भी की, मैंने (Prof. Ravi Kant Chandan) यह भी कहा कि आप पूरा वीडियो देखिए आपकी गलतफहमी दूर हो जाएगी। दूसरा अगर आपकी भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं खेद व्यक्त करता हूं। बात यहां पर खत्म हो गई थी लेकिन मैं अंदर फंसा था तो मैंने फेसबुक पर लिखा था कि मेरे साथ कुछ भी हो सकता है तो उसी को लेकर धरना प्रदर्शन चल रहा है। यही आज का सूरते हाल है।' 

पहले ही बताया था जान का खतरा

इससे पहले एफआईआर के लिए डॉ. रवि कांत चंदन ने पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था जिसमें उन्होंने बताया था कि, ''एक यूट्यूब चैनल पर बहस में मैंने हिस्सा लिया था। इस बौद्धिक बहस में इतिहासकार पट्टाभि सितारमैया की किताब के हवाले से जो बात मैंने कही थी, उसे एबीवीपी के छात्रों और अन्य अराजक तत्वों ने मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर ट्वीटर व अन्य सोशल मीडिया माध्यम पर प्रसारित कर मेरे विरूद्ध नफरत का प्रचार किया। आज उन लोगों ने मुझे विश्वविद्यालय परिसर में घेरकर जान से मारने का प्रयास किया। साथ ही मेरे खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग किया व 'देश के गद्दारों को गोली मारो साX को' जैसे उग्र नारों का प्रयोग किया। मैं दलित समुदाय से आता हूं। मेरे खिलाफ जातिगत टिप्पणियां कीं। यह मेरे मूल अधिकारों, जीवन की स्वतंत्रता व अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है। मेरे और मेरे परिवार को जान का खतरा है। छात्रों व अन्य अराजक तत्वों के खिलाफ उचित कार्यवाही करने की कृपा करें।''

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