80,000 शिक्षकों के पदों पर राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी में गहलोत सरकार, 'युवा हल्ला बोल' ने दी आंदोलन की चेतावनी

राजस्थान में लगभग 80000 पद शैक्षणिक संस्थानों में खाली पड़े हैं, इन पदों को स्थायी रूप से भरने की बजाय गहलोत सरकार ने गेस्ट फैकल्टी के नाम से अस्थाई पदों पर भर्तियां निकालने की तैयारी शुरू कर दी है....

Update: 2021-04-08 14:32 GMT

जयपुर। देश में रोज़गार के सवाल को राष्ट्रीय बहस बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले 'युवा हल्ला बोल' संस्थापक अनुपम ने राजस्थान सरकार की 'विद्या संबल योजना' पर सवाल उठाए हैं और कई सुधारों की मांग की है। 'विद्या संबल योजना' के तहत गहलोत सरकार के वित्त मंत्रालय ने 30 मार्च को आदेश जारी करके स्कूलों में भी गेस्ट फैकल्टी का चयन अब जिला स्तरीय समिति से करवाने का निर्णय लिया है। इससे पहले ये चयन शिक्षा विभाग करता था या फिर यूनिवर्सिटी-कॉलेज अपने स्तर पर गेस्ट फैकल्टी का चयन करते थे। जिला कलेक्टर को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है और संबंधित विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी सदस्य सचिव होंगे। सभी स्कूल या शिक्षण संस्थाएं सत्र शुरू होने से पहले रिक्त पदों की सूचना जिला समिति को भेजेंगे जो ब्लॉक पर वरीयता सूची बनाएगी। कहा गया है कि एक पद के विरुद्ध तीन अभ्यर्थियों का पैनल बनाया जाएगा और उसमें से किसी एक को मौका मिलेगा।

राजस्थान में लगभग 80000 पद शैक्षणिक संस्थानों में खाली पड़े हैं, इन पदों को स्थायी रूप से भरने की बजाय गहलोत सरकार ने गेस्ट फैकल्टी के नाम से अस्थाई पदों पर भर्तियां निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली समितियां अब ये नियुक्तियां करेंगी तो ज़ाहिर सी बात है सरकार का प्रभाव इन नियुक्तियों पर रहेगा, और सरकार मनचाहे तरीकें से ये नियुक्तियां करेंगी।

'युवा हल्ला बोल' के प्रदेश प्रभारी रमन यादव ने गहलोत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार रिक्त पदों को स्थायी रूप से न भरकर 'विद्या संबल योजना' जैसी राजनैतिक नियुक्तियों वाली योजना को लागू करती है तो हमें मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।

ज्ञात हो कि हनुमानगढ़ जिले में युवा हल्ला बोल ने विद्या संबल योजना के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसकी जानकारी देते हुए 'युवा हल्ला बोल' के राजस्थान संयोजक इरा बोस ने बताया कि हनुमानगढ़ जिले से शुरू हुए इस प्रदर्शन को हम अब प्रदेश स्तर तक ले जाएंगे

इस योजना के लागू होने से सरकार को स्थायी कर्मचारियों की जगह गैर स्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो जाएगा, आरक्षण प्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ेगा, भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा व भाई भतीजावाद की परिपाटी फिर से नियुक्तियों में चल निकलेगी।

'युवा हल्ला बोल' गहलोत सरकार से मांग की है कि-

1. राजस्थान में शैक्षणिक संस्थानों में 80000 खाली पड़ी नियुक्तियों को भरने की प्रक्रिया शुरू करें सरकार व युवाओं के बीच इसकी भर्ती की योजना का रोड मैप जारी करें

2. कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी समितियों को खत्म कर जिम्मेवार विभाग के माध्यम से पारदर्शी चयन प्रक्रिया से आरक्षण प्रणाली लागू करते हुए गेस्ट फैकल्टी का चयन करें व उक्त पद को स्थायी रूप से भरने की समयावधि जारी हो

3. उच्च शिक्षण संस्थानों की गेस्ट फैकल्टी की चयन प्रक्रिया में स्वायत्तता से छेड़छाड़ न हो व सरकार सुनिश्चित करे कि निर्धारित मापदंडों पर चयन प्रक्रिया हो

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