छात्र ने कबाड़ से बनाई बैटरी से चलने वाली बाइक, बिना पेट्रोल 4 घंटे चार्जिंग के बाद तय होगा 50 किमी का सफर

नीरज मौर्य ने बताया कि इस बाइक के निर्माण की प्रेरणा उन्हें पेट्रोल के दामों में बराबर हो रही मूल्य वृद्धि ने उन्हें इस बाइक के निर्माण के लिए प्रेरित किया है, हालांकि नीरज नित्य कुछ नया करने की सोच रखते हैं, लेकिन उनके अंदर महंगाई और बेरोजगारी को लेकर दर्द भी झलकता दिखलाई दिया...

Update: 2021-04-01 08:26 GMT

नीरज ने कबाड़ से कर दिखा कारनामा, इस बाइक को चलाने के लिए नहीं पड़ेगी पेट्रोल की जरूरत

मिर्जापुर से संतोष देव गिरि की रिपोर्ट

जनज्वार ब्यूरो। ईंधन से लेकर पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में लगातार हो रही मूल्य वृद्धि ने आम जनों से लेकर खास लोगों को हैरान, परेशान व विचलित कर रखा है। खासकर बेरोजगारों, नौजवानों, छात्रों की स्थिति का तो कुछ पूछना ही नहीं है।

बेरोजगारी तथा ऐसी ही तमाम जटिलताओं से जूझ रहे मिर्जापुर जिले के अति पिछड़े विकास खंड क्षेत्र हलिया के मवई कला गांव निवासी युवा वैज्ञानिक 21 वर्षीय नीरज कुमार मौर्य जो पंचशील डिग्री कॉलेज मवई कला के बीए फाइनल के छात्र हैं, ने एक शोध करते हुए बेकार के पड़े हुए सामानों को एकत्र कर हस्त निर्मित बैटरी चालित बाइक इजाद किया है। 45 वाट की बैटरी को 4 घंटे तक चार्ज करने के पश्चात यह इससे 50 किलोमीटर का सफर तय कर सकते हैं।

युवा वैज्ञानिक नीरज मौर्य बताते हैं कि परिवार की स्थिति ठीक न होने के कारण तथा ईंधन के दामों में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए उनके मन में एक ख्याल आया फिर क्या था, उन्होंने बेकार पड़े हुए सामानों को एकत्र कर तकरीबन 30 हजार की लागत से एक बैटरी निर्मित बाइक का निर्माण कर डाला जो उनके शिक्षा के साथ-साथ घर के कामकाज में भी एक अहम कड़ी साबित हो रही है।

अपनी इसी बाइक से हलिया ब्लॉक मुख्यालय से तकरीबन 50 किलोमीटर का सफर तय कर वह शुक्रवार 26 मार्च को जिला मुख्यालय मिर्जापुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपर जिला मजिस्ट्रेट यूपी सिंह से मिलकर अपनी इस बाइक के बारे में विस्तार से ना केवल जानकारी दी, बल्कि इसकी खूबियां भी गिनाई हैं।

जनज्वार से बात करते हुए नीरज मौर्य ने बताया कि इस बाइक के निर्माण की प्रेरणा उन्हें पेट्रोल के दामों में बराबर हो रही मूल्य वृद्धि ने उन्हें इस बाइक के निर्माण के लिए प्रेरित किया है। हालांकि नीरज नित्य कुछ नया करने की सोच रखते हैं, लेकिन उनके अंदर महंगाई और बेरोजगारी को लेकर दर्द भी झलकता दिखलाई दिया।

नीरज मौर्य कहते हैं कि युवा सोच को तथा उनकी तकनीक को बेहतर मुकाम मिले तो वह कुछ नया कर सकते हैं, लेकिन संभव नहीं हो पा रहा है। वह बताते हैं कि वह राष्ट्रपति से मिलकर अपने इस प्रोजेक्ट तथा हुनर के बारे में वार्ता करना चाहते हैं। उनकी इस सफलता के चर्चे ना केवल जिले में हो रहे हैं, बल्कि उनके इस स्वनिर्मित बाइक को युवा विज्ञान क्लब में भी सराहा गया है। इसके लिए वह पुरस्कृत भी किए गए हैं। घोर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले नीरज मौर्य कुछ नया करने का जज्बा रखते हैं। हालांकि उनके इस मिशन में आर्थिक समस्या रोड़ा बनकर खड़ी हो जाती हैं लेकिन उनके हौसले इतने सबके बाद भी बुलंद हैं।

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