UP Private Schools Fees Hike : यूपी में अभिभावकों को तगड़ा झटका, प्राइवेट स्कूलों को मिली फीस वृद्धि करने की छूट, मनीष सिसोदिया ने बोला हमला

UP Private Schools Fees Hike : अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला ने प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि से संबंधित आदेश जारी किया है जिसमें साफ किया गया है कि शुल्क में वृद्धि 2019-20 के फीस स्ट्रक्चर के आधार पर की जा सकेगी....

Update: 2022-04-11 06:44 GMT

UP Private Schools Fees Hike : यूपी में अभिभावकों को तगड़ा झटका, प्राइवेट स्कूलों में मिली फीस वृद्धि करने की छूट, मनीष सिसोदिया ने बोला हमला

UP Private Schools Fees Hike : उत्तर प्रदेश में दोबारा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (UP Govt) ने  अभिभावकों को पहला बड़ा झटका दिया है। दरअसल सरकार ने प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी (Fees Hike In UP Private Schools) पर लगी रोक को हटा दिया है। स्कूलों की ओर से पहले अभिभावकों को बढ़ी हुई फीस से जुड़ा चार्ट थमा दिया गया था। स्कूल प्रशासन की ओर से अभिभावकों से कहा गया था कि अगर राज्य सरकार फीस बढ़ोत्तरी की मंजूरी देती है तो इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। सरकार के इस कदम ने अभिभावकों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है।

सरकार के इस आदेश के बाद शिक्षा बोर्ड (Board Of High School And Intermediate Edcation Uttar Pradesh) से संबद्ध (Affiliated) सभी प्राइवेट स्कूलों में नियमानुसार फीस में बढ़ोत्तरी हो सकती है। हालांकि स्कूल प्रशासन को फीस में संतुलित वृद्धि करने को कहा गया है। इसके लिए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं।

इसमें शर्त यह लगाई गई है कि 2022-23 सत्र में वार्षिक वृद्धि की गणना नए उपबोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर की जाए लेकिन उसके साथ पांच फीसदी की जो शुल्क वृद्धि होनी है, वह वर्ष 2019-20 में लिए गए वार्षिक शुल्क के पांच फीसदी से अधिक न हो।

अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला (Aradhna Shukla) ने प्राइवेट स्कूलों में फीस वृद्धि से संबंधित आदेश जारी किया है। जिसमें साफ किया गया है कि शुल्क में वृद्धि 2019-20 के फीस स्ट्रक्चर के आधार पर की जा सकेगी। इसे आधार मानते हुए उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्याल शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 की धारा 4 (1) के नियमानुसार ही फीस में बढ़ोत्तरी होगी। बता दें कि कोरोना काल में उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ोत्तरी पर रोक लगा दी गई थी।

आराधना शुल्का की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पिछले दो वर्षों के शुल्क वृद्धि की काल्पनिक गणना किसी भी स्थिति में न की जाए। न ही उसे निर्धारित फॉर्मूले में जोड़ा जाए। हालांकि सरकार ने जांच के लिए किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं की है। बता दें कि प्राइवेट स्कूलों की ओर से शैक्षणिक सत्र 2020-21 और 2021-22 में फीस वृद्धी न होना आधार बनाया जा रहा है।

 दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने योगी सरकार के इस फैसले पर टिप्पणी करते हुए अपने ट्वीट में लिखा- उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को मनमानी फीस बढ़ाकर अभिभावकों को लूटने की खुली छूट दे दी है। यूपी में चुनाव बाद बीजेपी की नई सरकार ने दस दिन पहले शपथ ली है। बीजेपी का यही शिक्षा मॉडल है- सरकारी स्कूल बर्बाद करो, बंद करो..प्राइवेट स्कूलों में खुली छूट।

एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा- आज देश के सामने दो शिक्षा मॉडल हैं। केजरीवाल मॉडल- पंजाब में आप सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिल्ली की तरह ही प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी। बीजेपी मॉडल- यूपी में बीजेपी की नई सरकार बनते ही प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने की छूट दे दी। 

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