यूपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट में सिविल सेवा प्री परीक्षा स्थगित करने से किया इनकार, अब 30 को सुनवाई

दालत में कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई है। यह याचिका यूपीएससी सिविल सर्विस के अभ्यर्थियों की ओर से दायर की गई है।

Update: 2020-09-28 07:16 GMT
यूपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट में सिविल सेवा प्री परीक्षा स्थगित करने से किया इनकार, अब 30 को सुनवाई
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जनज्वार। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पर के स्थगन की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यूपीएससी ने कहा कि उसके लिए परीक्षा स्थगित करना असंभव है। यूपीएससी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि परीक्षा स्थगित करना असंभव है, क्योंकि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अदालत ने आज इस मामले की सुनवाई बुधवार, 30 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी। यूपीएससी ने चार अक्तूबर को प्रारंभिक परीक्षा की तिथि तय की है।

न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की खंडपीठ ने यूपीएससी को कहा कि वह हलफनामे में अपना पक्ष तथ्यों के साथ रखे। अदालत में कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई है। यह याचिका यूपीएससी सिविल सर्विस के 20 अभ्यर्थियों की ओर से दायर की गई है।

इससे मामले में इस मामले में 24 सितंबर को याचिका की काॅपी केंद्र व राज्य सरकार को देने को कहा गया था। यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को स्थगित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार व यूपीएससपी से जवाब मांगा था।

याचिका में क्या गया है?

यूपीएससी परीक्षा स्थगित करने की मांग वाली याचिका में कहा गया है कि कोरोना संकट की वजह से परीक्षार्थियों के स्वास्थ्य व सुरक्षा दोनों पर खतरा है। याचिका में कहा गया है कि आफलाइन परीक्षाएं करवाना लाखों छात्रों की जिंदगी को खतरे में डालना होगा। देश के कई राज्य बाढ व लगातार बारिश जैसी परेशानियों को भी झे ल रहे हैं। याचिका में मौजूदा हालात में परीक्षा आयोजित करने को स्वास्थ्य के अधिकार व जीवन के अधिकार के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 21 में दी गई व्यवस्था का उल्लंघन बताया गया।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा है कि यूपीएससी ने परीक्षा केंद्र नहीं बढाया है। ग्रामीण इलाकों के छात्रों को परीक्षा के लिए 300 से 400 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी। ऐसे में सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करने से संक्रमण का खतरा भी रहेगा।

मालूम हो कि यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए छह लाख उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। देश के 72 शहरों में परीक्षा आयोजित की जानी है। इस साल पहले 31 मई को परीक्षा तिथि रखा गया था लेकिन बाद में उसे टाल दिया गया और चार अक्तूबर नई तिथि तय की गई है। हालांकि यूपीएससी ने अपनी ओर से मास्क व फसे कवर परीक्षा के लिए अनिवार्य कर दिया है। मालूम हो कि कोरोना काल में ही इससे पहले जेईई व नीट की परीक्षा ली जा चुकी है।

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