UP : रोज़गार पर 'युवा हल्ला बोल' के सवालों के बाद योगी सरकार हरकत में, जारी की संक्षिप्त उपलब्धियों की रिपोर्ट

अनुपम ने सवाल किया, रोज़गार के जिन आँकड़ों के आधार पर सरकार अपना ढिंढोरा पिट रही है, RTI से पता चला कि उनका ब्यौरा खुद सरकार के पास नहीं है। इतना ही नहीं, योगी सरकार अब तक इसका स्पष्टीकरण भी नहीं दे पाई है कि किस आधार पर प्रदेश में ढाई करोड़ रोजगार का प्रचार किया जा रहा है....

Update: 2021-02-17 14:56 GMT

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जनज्वार। राजधानी लखनऊ में सोमवार 15 फरवरी को 'युवा हल्ला बोल' की प्रेस वार्ता के बाद उत्तर प्रदेश सरकार हरकत में आ गयी है। आनन-फानन में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा एक 'संक्षिप्त उपलब्धियों' की रिपोर्ट जारी की गयी है, लेकिन कई सवाल अब भी कायम हैं।

आंदोलन के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम ने आयोग की तत्परता का स्वागत करते हुए कहा है कि अब भी सरकार हमारे सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई है। प्रेस वार्ता में अनुपम ने पूछा था कि साढ़े तीन साल में पौने चार लाख नौकरियों का विभागवार ब्यौरा क्या है? रोज़गार के जिन आँकड़ों के आधार पर सरकार अपना ढिंढोरा पिट रही है, आरटीआई से पता चला कि उनका ब्यौरा खुद सरकार के पास नहीं है। इतना ही नहीं, योगी सरकार अब तक इसका स्पष्टीकरण भी नहीं दे पाई है कि किस आधार पर प्रदेश में ढाई करोड़ रोजगार का प्रचार किया जा रहा है।

'युवा हल्ला बोल' के नेशनल कोऑर्डिनेटर गोविन्द मिश्रा ने आयोग द्वारा प्रेस वार्ता के तुरंत बाद जारी किए गए "संक्षिप्त उपलब्धियों" को अभ्यर्थियों की आंशिक जीत बताते हुए कहा कि सरकार अब भी अपने कई दावों को सत्यापित नहीं कर पायी है। हमने सवाल किया था कि किस आधार पर UPSSSCके माध्यम से 16708 नौकरियों का दावा किया गया है।

सोमवार 15 फरवरी को रोज़गार के जिन हवा-हवाई दावों पर प्रेस वार्ता कर हमने योगी सरकार के खोखले दावों का पर्दाफाश किया था, उनपर तो अब भी स्पष्टीकरण नहीं मिला है। सरकार को शायद युवाओं के व्याप्त रोष की गर्माहट का एहसास होने लगा है। यह हमारे अभियान की छोटी सी सफलता है। असल सफलता तब मिलेगी जब भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और प्रदेश के युवाओं को रोज़गार मिल जाएगा। तब तक 'युवा हल्ला बोल' का आंदोलन जारी रहेगा।

'युवा हल्ला बोल' की उत्तर प्रदेश इकाई के अमित यादव ने बताया कि UPSSSC द्वारा जारी नोटिस में 8 भर्तियों की सूची बनाकर संभावित तरीकों का ऐलान भी किया है। आयोग अब अपने वेबसाइट पर भी सूचना देने के मामले में सक्रिय होने की कोशिश कर रहा है।

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