मोदीराज में भारत के करोड़पति बड़े पैमाने पर छोड़ रहे देश, इसी साल 8000 करोड़पतियों ने किया पलायन
millionaire left india : भारत के करोड़पतियों का पलायन इतने बड़े पैमाने पर हो रहा है कि यह देश के लिए चिंता की बात होनी चाहिए, लेकिन यह मुद्दा किसी भी विमर्श से बाहर है, साल 2022 में ही 8000 करोड़पतियों ने भारत को सदा के लिए छोड़ दिया है...;
millionaire left india : भारत जैसे विकासशील देश से अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए भारतीय लोग दुनिया के तमाम देशों में जाते रहते हैं। अपने जीवन खुशहाल बनाने जाने वाले यह लोग विदेश में रहकर अपनी और अपने परिवार की जिंदगी तो आसान करते ही थे, बाहर से विदेशी मुद्रा लाकर देश की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करते थे। इसे आवश्यकता का पलायन समझा जाता था, जो देश की सेहत के लिए भी सुखद था, लेकिन मोदी के शासनकाल में देश से एक नए प्रकार का पलायन और बढ़ा है। यह देश के करोड़पति लोगों का पलायन है, जो देश से अपनी सारी संपत्ति समेटकर दूसरे देशों में जाकर बस रहे हैं।
भारत के करोड़पतियों का पलायन इतने बड़े पैमाने पर हो रहा है कि यह देश के लिए चिंता की बात होनी चाहिए, लेकिन यह मुद्दा किसी भी विमर्श से बाहर है। साल 2022 में ही हजारों करोड़पतियों ने भारत को सदा के लिए छोड़ दिया है। यह आंकड़ा इतना ज्यादा है कि दुनिया के टॉप 3 में देश का नाम शुमार हो गया है। एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
दरअसल हेनले एंड पार्टनर्स की एक नई पब्लिश रिपोर्ट में विश्वभर के अमीरों के इस पलायन के आंकड़ों का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के उन तीन देशों में शामिल है जहां से करोड़पतियों का पलायन सबसे ज्यादा हुआ है। रिपोर्ट बताती है कि सबसे सबसे ज्यादा पलायन रूस और उसके बाद चीन से हुआ है। उसके बाद भारत का ही नंबर है। करोड़पतियों का जिस देश से सबसे ज्यादा पलायन हुआ है, वह है रूस। इस साल 15000 करोड़पतियों ने रूस को बॉय बॉय किया, इसका बड़ा कारण रूस—यूक्रेन युद्ध को माना जा रहा है। वहीं दूसरे नंबर पर जिस देश से करोड़पतियों ने पलायन किया है, वह हमारा पड़ोसी देश चीन है। चीन से इस साल 10,000 करोड़पति ने पलायन किया है।
2022 में अभी तक कुल 8 हजार करोड़पतियों ने किया पलायन
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत से इसी साल 2022 में अभी तक कुल 8 हजार करोड़पतियों ने पलायन किया है। रूस से 15 हजार तो चीन से 10 हजार करोड़पति छोड़कर अपना देश छोड़कर अन्यत्र चले गए हैं। इससे पहले कोविड-19 महामारी ने इस पलायन को कुछ समय के लिए स्लो कर दिया था, लेकिन हाई नेटवर्थ वाले लोगों ने फिर से विदेशों में बसने का फैसला कर लिया है। हाई-नेट-वर्थ लोगों में उन्हें शामिल किया जाता है जिनके पास 1 मिलियन डॉलर या उससे ज्यादा संपत्ति होती है।
करोड़पतियों की यह देश बन रहे हैं पसंद
2022 की इस अवधि में करोड़पतियों ने संयुक्त अरब अमीरात, इज़राइल, अमेरिका, पुर्तगाल, कनाडा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ग्रीस और स्विटज़रलैंड में जगह ली। पिछले दो दशकों में लगभग 80,000 करोड़पति ऑस्ट्रेलिया चले गए हैं। 2022 में देश में 3,500 लोग वहां पर गए हैं। पलायन वाली इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में करोड़पतियों के माल्टा, मॉरीशस और मोनाको में जाने की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार इस यूएई में 4 हजार करोड़पतियों के पहुंचने की उम्मीद लगाई जा रही है। जिसमें सबसे ज्यादा रूस, भारत, अफ्रीका और मध्य पूर्व के करोड़पति हो सकते हैं। महामारी से पहले यूएई ने परंपरागत रूप से प्रति वर्ष लगभग 1,000 करोड़पतियों को आकर्षित किया था.
इन देशों से भी जा रहे हैं करोड़पति
चीन की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएसए जैसे कई प्रमुख बाजारों द्वारा पर प्रतिबंध लगाना देश के लिए एक बड़ा झटका था। रिपोर्ट के अनुसार हुआवेई चीन के हाई-टेक सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया और यूएसए के साथ चीन के बिगड़ते रिश्ते इसका एक अहम कारण माना जा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हांगकांग एसएआर, यूक्रेन, ब्राजील, मैक्सिको, यूके, सऊदी अरब और इंडोनेशिया कुछ अन्य देश हैं, जहां से करोड़पतियों का पलायन सबसे ज्यादा देखने को मिला है।
हाई नेटवर्थ लोगों की संख्या किसी भी इकोनॉमी की हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना जाता है, जबकि युद्धरत यूक्रेन से 42 फीसदी करोड़पतियों के देश छोड़ने की उम्मीद है। इस देश में पिछले एक दशक में करोड़पतियों का पलायन एक बढ़ती प्रवृत्ति रही है, लेकिन 2020 में कोविड -19 महामारी के कारण इसमें गिरावट देखने को मिली थी। यहां तक कि साल 2020 और 2021 का कोई आंकड़ा भी नहीं है कि कितने करोड़पति अपना देश छोड़कर दूसरे देशों की ओर पलायन कर गए। लेकिन 2022 के अंत तक, यूक्रेन के उच्च-निवल मूल्य वाले 42 प्रतिशत व्यक्तियों के देश छोड़ने की उम्मीद है। जिसे बहुत हद तक रूस द्वारा आक्रमण के कारण माना जा रहा है।
भारत को क्यों नहीं है चिंता?
एक बड़ा सवाल यह है कि भारत में करोड़पतियों द्वारा देश छोड़े जाने पर कोई व्यापक बहस नहीं है। इसका जवाब इन खूबसूरत आंकड़ेबाजियों में तलाशा जा रहा है कि भारत देश छोड़ने वाले नुकसान की तुलना में कहीं अधिक नए करोड़पति पैदा करता है। रिपोर्ट के अनुसार संपन्न लोगों के भारत लौटने का चलन भी है और स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग बेहतर होने के बाद अमीर भारत में दोबारा वापस आ सकते हैं, इसलिए इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के इस आउटफ्लो को चिंता का विषय नहीं बताया जा रहा है।
लेकिन रिपोर्ट जब इनके दुबारा वापस लौटने की संभावना जताती है तो वह एक तरह से मौजूदा मोदी शासन पर भी अप्रत्यक्ष उंगली उठाती है कि उनके शासन में करोड़पति लोग देश के स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग को अपने लिए अनुकूल नहीं मान रहे हैं, जिस वजह से वह देश छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं।