Amitabh Thakur Bail : अदालत ने मंजूर की पूर्व IPS अमिताभ की जमानत, 2 महीने पहले बिना वारंट घर से हुई थी गिरफ्तारी
Amitabh Thakur Bail : इससे पहले गिरफ्तारी के बाद अपने आदेश में कोर्ट ने कहा था कि अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आरोप संगीन हैं और केस में विवेचना भी अभी चल रही है लिहाजा, इस स्टेज पर उन्हें जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है...
Amitabh Thakur Bail (जनज्वार) : बीते दो महीने से जेल में सजा काट रहे पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को एक मामले में जमानत मिल गई है। सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने अमिताभ ठाकुर की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। साथ ही उन्हें 40-40 हजार की दो जमानतें एवं निजी मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया गया है।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अमिताभ ठाकुर की ज़मानत अर्ज़ी देकर अदालत के समक्ष कहा कि अमिताभ ठाकुर को 27 अगस्त को उनके गोमतीनगर आवास से गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि इस गिरफ्तारी के समय पुलिस फोर्स बिना किसी वारंट के घर में घुसी थी, जिसका विरोध अमिताभ ठाकुर ने किया था।
इस घटना की रिपोर्ट गिरफ्तारी टीम द्वारा गोमतीनगर थाने पर दर्ज कराई गई थी। अदालत ने बीते गुरुवार को सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले गिरफ्तारी के बाद अपने आदेश में कोर्ट ने कहा था कि अमिताभ ठाकुर के खिलाफ आरोप संगीन हैं और केस में विवेचना भी अभी चल रही है लिहाजा, इस स्टेज पर उन्हें जमानत देने का कोई औचित्य नहीं है।
इस मामले में पुलिस ने 27 अगस्त 2021 को हजरतगंज थाने पर आईपीसी की धारा 167, 195A, 218 , 306, 504 , 506 व 120 B के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। कोर्ट ने रिकार्ड पर पाया कि पीड़िता ने आत्महत्या करने से पहले जो फेसबुक लाइव पर बयान दिया था वह मृत्युकालिक कथन की श्रेणी मे आता है जिसमें अमिताभ के खिलाफ काफी गंभीर आरोप हैं।
क्या था मामला?
दअरसल एक पीड़िता ने बसपा सांसद अतुल राय के खिलाफ वाराणसी में दुराचार का केस दर्ज कराया था जिसमें मामला अदालत में था। पीड़िता ने 20 नवम्बर 2020 को वाराणसी एसएसपी को शिकायत भेजी कि अमिताभ पैसा लेकर अतुल राय की गलत मदद कर रहें है और फर्जी साक्ष्य गढ़ रहें हैं। इसी क्रम में पीड़िता के खिलाफ सात-सात फर्जी केस भी दर्ज किये गये हैं। बाद में उसने स्वयं और उसके एक गवाह ने आग लगाकर आत्महत्या की कोशिश की जिसके बाद अस्पताल में दोनों की मृत्यु हो गयी थी।
अभी यह फंस सकता है पेंच
हालांकि, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को हालिया रिलीफ पुलिस से दुर्व्यवहार और कामकाज में बाधा डालने वाले केस में मिली है। जिसमें उनकी जमानत मंजूर कर ली गई है, लेकिन जिस मुख्य मामले में उन्हें जेल भेजा गया है उसमें लोअर कोर्ट से ज़मानत याचिका ख़ारिज हो चुकी है। अब हाई कोर्ट से ज़मानत मिलने पर ही रिहाई हो सकेगी। बता दें कि अदालतों का यह नियम होता है की निचली अदालत से बेल खारिज होने के बाद उच्च अदालत में अर्जी दाखिल की जाती है।