अंधेरगर्दी : बिना नंबर प्लेट और हेलमेट में शिक्षामंत्री तो जनता से वसूला जा रहा गाड़ी की कीमत से दो गुना जुर्माना

अब कोई करे भी क्या जब सैंया खुदे कोतवाल हैं तो कोतवाली भी दण्डवत ही रहेगी। जिसपर जनता का पूरे तौर पर तेल निकाला जा रहा। पुलिसिया सिस्टम भी सरकार के लिए दबाकर उगाही कर रहा है...

Update: 2021-08-23 09:22 GMT

मंत्री जी की ठसक और जनता भर रही चालान (Photo-social media)

जनज्वार, लखनऊ/मथुरा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में गजब अंधेरगर्दी चल रही है। जिसे उपर की इन दो तस्वीरों से समझिए। एक बगल तस्वीर में यूपी के बेसिक शिक्षामंत्री सतीशचंद्र द्विवेदी हैं, पल्सर से घूम रहे। तो दूसरी तरफ की फोटो में आम जनता है जिसे ट्रॉफिक पुलिस रोककर यातायात के नियम बताकर उगाही कर रही है।

शिक्षामंत्री (Education Minister) की गाड़ी देखिए, ना नंबर प्लेट है और ना ही हेलमेट ही लगाए हैं। अब कोई करे भी क्या जब सैंया खुदे कोतवाल हैं तो कोतवाली भी दण्डवत ही रहेगी। जिसपर जनता का पूरे तौर पर तेल निकाला जा रहा। पुलिसिया सिस्टम भी सरकार के लिए दबाकर उगाही कर रहा है।

अभी दो दिन पहले मथुरा (Mathura) से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था। यहां यातायात नियम तोड़ने पर एक बाइक सवार पर 1 लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। बाइक सवार के मुताबिक जुर्माना बाइक की कीमत से भी ज्यादा है। बाइक की कीमत से भी अधिक का चालान एआरटीओ प्रवर्तन के द्वारा काटा गया था।

चेकिंग के दौरान रोकी गई थी बाइक

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जानकारी के मुताबिक विष्णु कुमार कुशवाहा पुत्र विजय सिंह निवासी, 61 एनए लक्ष्मी नगर कृष्णा नगर मथुरा अपनी बाइक संख्या यूपी 85 BF 2125 से बाजार किसी काम से निकले थे। वह जैसे ही कृष्णानगर इलाके में वह पहुंचे तो चेकिंग कर रहे एआरटीओ प्रवर्तन ने उनकी बाइक को रुकवाने का इशारा किया तो इशारा देख विष्णु ने अपनी बाइक साइड में लगा दी।

1.10 लाख का काटा गया चालान 

एआरटीओ प्रवर्तन के द्वारा बाइक का चालान काटने के बाद बाइक स्वामी के हाथों में स्लिप थमाई। जब वाहन स्वामी ने उस स्लिप को देखा तो उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। बाइक का चालन 1.10 लाख का काटा गया था जो की बाइक की कीमत से काफी ज्यादा था। 

क्यों काटा गया था चालान?

बाइक मालिक विष्णु कुशवाहा ने बताया कि चेकिंग के दौरान चालान काटा गया। विष्णु ने बताया कि 182A(1) गाड़ी खरीदने के बाद नाम ना कराना और 190(2) पॉल्यूशन का जुर्माना लगाने के बाद 1.10 लाख की पर्ची थमा दी गई। काफी मिन्नतें की गई लेकिन एआरटीओ साहब ने वहां से फटकार कर भगा दिया साथ ही अदालत में घसीटने की धमकी भी दी।

अब बताईये भला भेदभाव है कि नहीं। जिस जनता से गिड़गिड़ाकर, वोट लेकर सरकार बनती है, मंत्री मिनिस्टर बनते हैं। वह किस तरह मौज मारते हैं, दोनो तस्वीरें और बातें सामने हैं। लेकिन मंत्री जी को ध्यान रखना चाहिए था, अपना नहीं कम से कम अपने विभाग का ही ख्याल कर लेते जहां के वो मंत्री हैं। आखिर इस तस्वीर से जनता में क्या शिक्षा जाएगी।

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