क्या योगी सरकार में भ्रष्टाचार की सज़ा के मानक हैं अलग? जमीन घोटाले में शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की तेज हुई मांग
आज़म ख़ान के बेटे अब्दुल्ला ने फ़र्ज़ी जन्मप्रमाण पत्र लगाया। विधायकी रद्द हुई, एक साल से जेल में हैं। भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी ने फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाकर प्रोफेसरी हासिल की, सिर्फ इस्तीफे से काम चल गया...
जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी अब एक नए बखेड़े में घिरते नजर आ रहे हैं। भाई की नौकरी से इस्तीफे के बाद उन पर महंगी जमीन को बेहद कम दाम में खरीदने के आरोप लग रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि मंत्री ने सवा करोड़ की जमीने महज 20 लाख रुपए में खरीद डाली है। तमाम आरोपों के साथ ही मंत्री जी के स्तीफे की मांग भी तेज हो गई है।
इमरान प्रतापगढ़ी ट्वीट करते हैं 'आज़म ख़ान के बेटे अब्दुल्ला ने फ़र्ज़ी जन्म प्रमाण पत्र लगाया। विधायकी रद्द हुई, एक साल से जेल में हैं। भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी ने फर्जी आय प्रमाण पत्र लगाकर प्रोफेसरी हासिल की, सिर्फ इस्तीफे से काम चल गया। यूपी में भ्रष्टाचार की सज़ा के मानक अलग हैं।'
सपा नेता सुनील कुमार यादव और आप सांसद संजय सिंह ने भी शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी को आड़े हाथ लिया है। इन्होंने ट्विटर पर चार रजिस्ट्री की फोटो शेयर कर दावा किया है कि जमीन की रजिस्ट्री सतीश द्विवेदी और उनकी मां के नाम पर है। उनका आरोपा है कि जमीन मार्केट रेट से कम दाम पर खरीदी गई है।
सुनील कुमार यादव ने आरोप लगाया है कि सतीश द्विवेदी ने अपने और अपनी मां के नाम पर महंगी जमीनों को बेहद कम कीमत पर खरीदा। उनका आरोप है कि एक जमीन की कीमत 65.45 लाख रुपए थी, जिसे 12 लाख रुपए में खरीदा गया है। वहीं, एक जमीन की मार्केट वैल्यू 1.26 करोड़ रुपए थी जिसे महज 20 लाख रुपए में खरीद लिया गया।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'गरीब का हक मार कर EWS कोटे के तहत अपने भाई की फर्जी नियुक्ति कराने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ जी के ईमानदार बेसिक शिक्षा मंत्री जी, करोड़ों की जमीन 20 लाख में बैनामा कराने का भी हुनर रखते हैं। अब समझ में आ रहा है कि भाई ने इस्तीफा क्यों दिया! योगीजी आपके मंत्री कब इस्तीफा देंगे?'
आप सांसद संजय सिंह ट्वीट करते हुए लिखते हैं 'वाह रे मंत्री जी आप तो भ्रष्टाचारी ही नही दबंग भी हैं। 65 लाख 45 हज़ार की ज़मीन 12 लाख में ख़रीदी लेकिन बेचने वाले को दिया मात्र डेढ़ लाख और एक बाइक। एक भ्रष्ट मंत्री को बर्खास्त करने के लिये कितने प्रमाण चाहिये आदित्यनाथ जी? क्या यही है आपकी ईमानदार सरकार'?
गौरतलब है कि, मंत्री के भाई अरुण द्विवेदी की सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर हुई नियुक्ति के बाद डॉ. सतीश द्विवेदी विवादों में घिर गए थे। हालांकि बाद में भाई ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया है।