पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर के 3 ट्वीट ने आज लूट ली समाचारों की महफिल, लिखा भक्तों को चुभेगा लेकिन भगवान भी थे अराजक

अमिताभ ठाकुर ने आज शनिवार को जो तीन ट्वीट किए, उनमें से पहला भक्तों के लिए, दूसरा योगी आदित्यनाथ की उनसे नाराजगी और तीसरा मौजूदा वक्त यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा बीते समय की गई अनावश्यक अराजकता को बताने, जताने, याद दिलाने को लेकर किया गया हो सकता है...

Update: 2021-07-24 16:16 GMT

जबरिया रिटायर ठाकुर ने आज बहुत कम शब्दों में बहुत कुछ कह दिया.

जनज्वार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की नौकरशाही में जबरिया रिटायर का दर्जा पा चुके पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के आज किए गये 3 ट्वीट कम शब्दों में बहुत कुछ कह गये। ठाकुर वरिष्ठ ने अपने तीन ट्वीटों में वो सब कह डाला जो अब से पहले खुद के सामने घटे को बताने की हिमाकत तक भी कर सका हो।

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अमिताभ ठाकुर (Amitabh Thakur) ने शनिवार 24 जुलाई को जो तीन ट्वीट किए, उनमें से पहला भक्तों के लिए, दूसरा योगी आदित्यनाथ की उनसे नाराजगी और तीसरा मौजूदा वक्त यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा बीते समय की गई अनावश्यक अराजकता को बताने, जताने, याद दिलाने को लेकर किया गया हो सकता है। तब ठाकुर की तैनाती उनके मुताबिक वहीं थी।

अनाम भक्तों को दिए गये अपने ट्वीट में पूर्व आईपीएस ने लिखा है कि 'भक्तों को सच बहुत चुभता है.योगीजी मुख्यमंत्री (CM) हैं, भावी PM हैं व मैं जबरिया रिटायर हूँ पर इससे यह सच नहीं बदल जाता कि मैंने उन्हें 1995-96 में गोरखपुर में अराजकता करते देखा व 2007 में SP महाराजगंज के रूप में उनके खिलाफ पचरुखिया मर्डर केस की जाँच शुरू की जब संसद रुदन कांड हुआ.'

खुद से योगी की नाराजगी को याद करते हुए ठाकुर लिखते हैं 'योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) मुझसे यूँ ही नाराज़ नहीं हैं.2007 में उनके संसद में रुदन कांड के समय मैं SP महाराजगंज था जब मैंने शासन के आदेश से उनके खिलाफ पचरुखिया मर्डर केस में जाँच शुरू की थी, जिसमे उनके खिलाफ ठोस प्रमाण थे. मेरा ट्रान्सफर हुआ और उसके साथ ही जाँच बंद.'

एक के बाद एक किए गये अपने तीसरे ट्वीट (TWEET) में अमिताभ याद करते हैं कि 'आज कानून के राज की बात करने वाले योगी आदित्यनाथ को मैंने पहली बार 1995 में गोरखपुर में तब देखा था जब वे एक ट्रेन हादसे के साईट पर पूर्णतया औचित्यहीन अराजकता फैला रहे थे और तत्कालीन SP City ने उचित बल प्रयोग कर उन पर काबू किया था.'

एक वरिष्ठ आईपीएस (IPS) द्वारा साझा की गई ये बातें, वो भी जब अफसर बड़ा हो, अमिताभ ठाकुर सरीखा हो तो उसका कहा, लिखा, बताया गया एक एक शब्द ध्यान देने लायक होता है। लेकिन अहम ये है, कि क्या योगी ये सब-सभी हथकंडे अपना कर किसी राज्य में सत्ता की सबसे उंची कुर्सी लाए-पाए हैं। यदि यह है तो वह बात सही है जो अब के समय कही जा रही है वह ये कि लोकतंत्र का पूरी तरह से अपहरण हो चुका है।  

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