लखनऊ : खुद को गोली मारने वाले निजी सचिव की मौत, सुसाइड नोट वाले आरोपी इंस्पेक्टर उन्नाव छोड़कर फरार

निजी सचिव विशम्भर की मौत की खबर मिलते ही दो इंस्पेक्टर जिला छोड़कर चले गए। खुद को गोली मारने से पहले निजी सचिव ने छोड़े गए सुसाइड नोट में दो इंस्पेक्टर व विवेचक के प्रताड़ित करने का जिक्र किया था...

Update: 2021-09-04 03:08 GMT

(निजी सचिव विश्वंभर दयाल ने जन्माष्टमी वाले दिन खुद को मारी थी गोली)

जनज्वार। यूपी की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के बापू भवन ( Bapu Bhawan) में सोमवार को खुद को गोली मारने वाले विशंभर दयाल ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। विशंभर दयाल नगर विकास विभाग के अपर मुख्‍य सचिव रजनीश दुबे के निजी सचिव थे।

दयाल ने विधान भवन से कुछ ही दूरी पर चाक-चौबंद सुरक्षा वाले बापू भवन में कथित रूप से खुद को गोली मार ली थी। निजी सचिव विशंभर दयाल की मौत की पुष्टि लखनऊ के पुलिस (Lucknow Police) कमिश्नर डीके ठाकुर ने की। उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे (Rajnish Dubey) के निजी सचिव विशंभर दयाल ने सोमवार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी वाले दिन खुद को बापू भवन की आठवीं मंजिल पर रिवॉल्वर से गोली मार ली थी। छुट्टी वाले दिन गोली की आवाज से सनसनी फैल गई थी।

कड़ी सुरक्षा वाली इमारत है बापू भवन

गंभीर रूप से घायल हालत में दयाल को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार से उनका इलाज चल रहा था। बता दें कि बापू भवन विधान भवन के ठीक सामने मौजूद है। इस बिल्डिंग में मंत्रियों और सीनियर अधिकारियों के दफ्तर हैं।

सवाल ये उठ रहा है कि इतनी कड़ी सुरक्षा वाली इमारत में विशंभर दयाल अपने साथ रिवाल्वर कैसे ले कर पहुंचे। हजरतगंज के अपर पुलिस कमिश्नर राघवेंद्र मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। विशंभर दयाल ने लाइसेंस वाली रिवॉल्वर से खुद पर गोली चलाई थी। लेकिन फिर भी उसकी डिटेल निकाली जा रही है।

घटना से हैरान हैं रजनीश दुबे

कमिश्नर ने कहा कि अति सुरक्षा वाली बिल्डिंग में रिवॉल्वर लेकर जाने के बारे में भी जांच की जाएगी। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि जन्माष्टमी की छुट्टी होने के बावजूद विशंभर दयाल अपने ऑफिस में क्या कर रहे थे। पुलिस कमिश्नर का कहना है कि इस पहलू को भी जांच के दायरे में लिया जाएगा। वहीं नगर विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव रजनीश दुबे का कहना है कि इस घटना से वह बहुत ही हैरान हैं। उन्होंने बताया कि दयाल के साथ उनके पारिवारिक संबंध हैं।

उन्नाव के दो इंस्पेक्टर छोड़ गये जिला

निजी सचिव विशम्भर की मौत की खबर मिलते ही दो इंस्पेक्टर जिला छोड़कर चले गए। खुद को गोली मारने से पहले निजी सचिव ने छोड़े गए सुसाइड नोट में दो इंस्पेक्टर व विवेचक के प्रताड़ित करने का जिक्र किया था।

पुलिस को मिले सुसाइट नोट में उन्नाव पुलिस की प्रताड़ना का जिक्र किया था। निजी सचिव के खुदकुशी के प्रयास करने के बाद जांच करने पहुंची लखनऊ आईजी लक्ष्मी सिंह ने औरास इंस्पेक्टर हर प्रसाद अहिरवार व एक दरोगा तमिजुद्दीन को निलंबित कर दिया था। मामले की प्रारंभिक जांच सीओ बांगरमऊ आशुतोष कर रहे हैं। तीन दिन में आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस ने पूछताछ की।

सुसाइड नोट में लगाया था आरोप

बताया जा रहा है कि सुसाइड नोट में निजी सचिव ने दो इंस्पेक्टर और रिटायर हो चुके एक दरोगा पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। निजी सचिव के मौत की खबर मिलते ही दोनों इंस्पेक्टर जिला छोड़कर रवाना हो गए हैं। निजी सचिव पर केस दर्ज होने के बाद से औरास थाने में पांच इंस्पेक्टर तैनात रहे। इसमें संजीव कुमार यादव, सतीश कुमार गौतम, ओम प्रकाश रजक, राज बहादुर और हर प्रसाद अहिरवार हैं। शिकायत पर तत्कालीन एसपी एमपी वर्मा के निर्देश पर संजीव कुमार ने केस दर्ज किया था।

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