Lucknow : लगातार बारिश से कई शहरों में तालाब सा नजारा, जिम्मेदार अब्बाजान-चचाजान में व्यस्त हैं
सरकार चुनावी एजेंडा सेट करने में मग्न है। कुकुरमुत्तों की तरह उग रहे चैनलों में अपने अपने भाषणों की टाइमिंग सेट करने की कवायद की जा रही, लेकिन जनता का कोई पूछनहार नहीं है...
जनज्वार, लखनऊ। पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) का हाल चेरापुंजी सा बन गया है। राजधानी लखनऊ (Lucknow) सहित कई शहर डूब रहे है। लेकिन जो जिम्मेदार हैं वो अब्बाजान-चचाजान खेल रहे हैं। आगामी 2022 की तैयारियों में नेताजी लोग रेड कार्पेटों में धंसे नजर आ रहे हैं।
लगातार हो रही भीषण बारिश के चलते जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश ने निर्देश भी जारी किए हैं। बीते दो दिनों से हो रही लगातार भारी वर्षा को देखते हुए जिलाधिकारी ने अलर्ट जारी करते हुए निर्देश दिए हैं। अत्यंत आवश्यक कार्य होने पर ही घर से बाहर निकले, भीड़भाड़ वाले ट्रैफिक जाम वाले क्षेत्रों में जाने से बचे, खुले बिजली के तार खंभों से बचकर रहें।
वरिष्ठ पत्रकार बृजेश मिश्रा ने ट्वीट कर कहा, लखनऊ डूब रहा है। घर-घर पानी भरा है। बिजली कट गयी है। ट्रैफिक जाम है। भयानक बरसात है। सीवर लाइन उबल रही। नाले-नाली उफनाती नदी बन गए है। नेता के घर पानी। अफसर के घर पानी। नगर निगम के भीतर पानी। हर तरफ पानी ही पानी। बस जिम्मेदार बेपानी। ऐलान हुआ है कि घर पर रहिये। बहुत ज़रूरी हो तभी निकलिए।
अंकित कुमार ने लिखा है, इस सरकार के पास और कुछ कहने के लिए बचा ही नहीं है खुद के घर में जब पानी भरा है तो दूसरो का क्या करेंगे नगर निगम (Nagar Nigam) खुद डूब रहा है और डीएम ने हेल्पाइन नंबर दिया जो की हर वक्त busy ही जा रहा है।
यदुनंदन मनोज नाम के यूजर लिखते हैं, अत्यंत दुखद Mobile phone with rightwards arrow at left ये सब जनता चुपचाप देख है, झेल रही है और खामोश भी है, क्योंकि वह अच्छे से जानती है कि इस दौर में किसी अव्यवस्था के खिलाफ आवाज़ उठाने की कीमत दोनो को चुकाना पड़ेगा ! Bow and arrow "मुंह खोलने वाले को भी और मुंह बंद रखने वालो को भी ।" Direct hit कड़वा है लेकिन यही सच है।
एक अन्य यूजर अंकित शर्मा ने लिखा है, यें लखनऊ आलमबाग़ कानपुर रोड (Kanpur Road Alambagh) का हॉल है सिंचाई विभाग की कॉलोनी में घरों में पानी भरा जर्जर बिल्डिंग है JE & AE लापता है पानी बिजली सब कटा हुआ है।
गौरतलब है कि यूपी में मंगलवार से लगातार बारिश रूकने का नाम नहीं ले रही है। हालात बेहद खराब हो चले हैं। जिनकी इस सबको लेकर जिम्मेदारी है वो कानो में तेल डालकर बैठे हैं। सरकार चुनावी एजेंडा सेट करने में मग्न है। कुकुरमुत्तों की तरह उग रहे चैनलों में अपने अपने भाषणों की टाइमिंग सेट करने की कवायद की जा रही, लेकिन जनता का कोई पूछनहार नहीं है।