MHA report : देशभर में जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने के लिए संशोधन विधेयक ला सकती है मोदी सरकार

MHA report : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2021-22 की रिपोर्ट में खुलासा किया है कि कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर अपडेशन के काम को बहुत जल्द नये सिरे से शुरू किया जाएगा। इसके लिए पहले से सरकार 3941 करोड़ रुपए मंज़ूर कर चुकी है।

Update: 2022-11-08 14:15 GMT

MHA report : केंद्रीय गृह मंत्रालय ( Union Home Ministry ) ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में देशभर में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर ( National Population Register ) के डेटाबेस को अपडेट करने का फैसला लिया है। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इसके लिए मोदी सरकार सेंट्रलाइज्ड डेटा प्रबंधन के लिए जन्म व मृत्यु पंजीकरण अधिनियम में संशोधन ( npr amendment bill ) को लेकर एक विधेयक लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। खास बात है कि इस प्रक्रिया से असम को बाहर रखा गया है। ऐसा इसलिए कि वहां पर एनपीआर ( NPR ) अपडेटशन का काम पहले ही पूरा हो चुका है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से एनपीआर ( NPR Updation ) को अपडेट करने का काम अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। एनपीआर डाटा अपडेशन के लिए केंद्र सरकार ( Modi government ) की ओर से पहले ही 3,941 करोड़ रुपये मंजूर किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत हर परिवार और व्यक्ति के जनसांख्यिकीय और अन्य विवरण एकत्र करने की योजना है।

केंद्र सरकार राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानि एनपीआर ( National Population Register ) डेटाबेस को अपडेट करने के लिए त्रि-आयामी दृष्टिकोण अपनाने का फैसला लिया है। इसमें पहला सेल्फ अपडेटिंग के तहत नागरिक अपना डेटा स्वयं अपडेट कर सकेंगे।

बता दें कि एनपीआर ( NPR ) पहली बार 2010 में तैयार किया गया था। 2015 में देश के सभी आम लोगों की जानकारी एकत्रित करके अपडेट किया गया था जिसका विरोध कई विपक्ष-शासित राज्यों ने किया था क्योंकि नागरिकता नियम 2003 के अनुसार एनपीआर राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की दिशा में पहला कदम है। 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 तक गृह मंत्रालय समेत सभी अधिकारियों द्वारा कुल 1,414 नागरिकता प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए हैं।

गृह मंत्रालय ( MHA report ) की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई या पारसी समुदायों के सदस्यों के संबंध में पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्रदान करने की अपनी शक्तियों को 29 जिलों के कलेक्टरों और 9 राज्यों के गृह सचिवों को सौंप दिया है। 

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