Senior Citizens Railway Concession : मोदी सरकार के फैसले से सीनियर सिटीजंस निराश, 50% की छूट बंद, रेलवे ने 3400 करोड़ की उगाही की

Senior Citizens Railway Concession : मोदी सरकार ने कोरोना काल में इस छूट को भी समाप्त कर दिया था लेकिन कोरोना कम होने के बाद जब रेल सेवा को शुरू किया तो सीनियर सिटीजंस को मिलने वाली ये छूट फिर से शुरू नहीं की।

Update: 2022-07-21 02:02 GMT

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Senior Citizens Railway Concession : मोदी सरकार ( Modi Government ) ने 60 साल से अधिक उम्र के लोगों यानी सीनियर सिटीजंस ( Senior Citizens ) को रेल टिकट ( Rail ticket ) पर 50% की छूट देने से हमेशा के लिए इनकार कर दिया है। सरकार के इस फैसले से सीनियर सिटीजंस ( Senior Citizens Railway Concession ) को निराशा हाथ लगी है। अफसोस की बात यह है कि सीनियर सिटीजंस राहत देने के बदले रेलवे ( Indian Railway ) ने 3400 की उगाही की है।

मोदी सरकार ने कोरोना काल में जब रेल सेवा बंद की तो इस छूट को भी समाप्त कर दिया था लेकिन कोरोना कम होने के बाद जब रेल सेवा को फिर से शुरू किया गया तो सीनियर सिटीजंस ( senior citizens ) को मिलने वाली ये छूट फिर से शुरू नहीं की गई। इतना ही नहीं, सरकार का आगे भी सीनियर सिटीजंस को किराए में मिलने वाली छूट देने का कोई इरादा नहीं है। भारतीय रेल ने खिलाड़ी, ट्रांसजेंडर, युद्ध शहीद विधवा, सीनियर सिटीजन सहित 12 श्रेणियों के रियायती किराए को सिर्फ तीन श्रेणियों तक सीमित कर दिया। यह फैसला रेल मंत्रालय ने उस समय लिया जब दुनिया के देश सीनियर सिटीजन को अतिरिक्त सुविधाएं दे रहे हैं।

सिर्फ 3 कैटेगरी के लोगों को मिल रही है छूट की सुविधा

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद में एक लिखित जवाब में बताया कि सीनियर सिटीजंस को किराए में छूट देने से सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। इसलिए इसे बहाल करने की कोई योजना नहीं है। केवल स्पेशल कैटगरी वाले लोगों को किराए में छूट की सुविधा दोबारा शुरू की गई है। इनमें चार श्रेणी के दिव्यांग, 11 कैटगरी के मरीज और और छात्र शामिल हैं। सीनियर सिटीजंस और खिलाड़ियों के साथ-साथ बाकी कैटगरी के यात्रियों के लिए यह सुविधा बहाल नहीं की गई है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2017-18 में सीनियर सिटीजंस को टिकट पर छूट रेलवे पर 1491 करोड़ रुपए का बोझ पड़ा। 2018-19 में यह राशि 1636 करोड़ रुपए और 2019-20 में 1667 करोड़ रुपए की रही। वहीं 2020 से कोविड की आड़ में सीनियर सिटीजन सहित 53 कैटेगरी में कंसेशन (छूट) सुविधा बंद कर दी थी। 2021-22 में ही रेलवे को 50% तक की छूट बंद करने से लगभग 3400 करोड़ मिले।

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