UP : मुख्यमंत्री कागजों में बता रहे सब ठीक, जबकि ऑक्सीजन की कमी से सूबे में हुईं 13 मौतें

शनिवार 24 अप्रैल से लेकर रविवार के बीच ऑक्सीजन की कमी से आगरा में 5, बरेली में 5 तो वहीं हाथरस में दो मरीजों की मौत हो गई। इसके अलावा कौशांबी के मंझनपुर में तैनात बाल विकास परियोजना अधिकारी गायत्री देवी की भी ऑक्सीजन की कमी से जान चली गई...

Update: 2021-04-26 02:49 GMT

जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। कल रविवार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे में सब चंगा होना बताया है। सभी के लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, दवाईयां, बेड, वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, कहां हैं यह कागजों के अलावा कहीं नहीं बताया। उत्तर प्रदेश के मुखिया का बयान आने के बाद यहां कुल 13 लोगों ने ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ दिया। आगरा, बरेली, हाथरस व कौशांबी में ऑक्सीजन ना मिलने से मरीजों की मौत हो गई।

शनिवार 24 अप्रैल से लेकर रविवार के बीच ऑक्सीजन की कमी से आगरा में 5, बरेली में 5 तो वहीं हाथरस में दो मरीजों की मौत हो गई। इसके अलावा कौशांबी के मंझनपुर में तैनात बाल विकास परियोजना अधिकारी गायत्री देवी की भी ऑक्सीजन की कमी से जान चली गई। परिजनो ने आरोप लगाया है कि यदि उन्हें समय से ऑक्सीजन मिल जाती तो निश्चित तौर पर उनकी जान बचाई जा सकती थी।

आगरा के रामबाग स्थित अस्पताल में तीन मरीजों की मौत हो गई। परिजन ऑक्सीजन के लिए भटकते रहे, मौत होने के बाद हंगामा भी हुआ। फतेहाबाद के एक अस्पताल में 20 वर्षीय युवती की मौत हो गई। पिता का कहना था कि वह पिछले दो दिन से ऑक्सीजन के लिए दौड़-भाग कर रहे थे, लेकिन समय से ऑक्सीजन नहीं मिल सकी। एक अन्य मरीज की भा ऑक्सीजन की कमी से मौत हो गई।

बरेली के रामपुर बाग के नारायण अस्पताल में रविवार 25 अप्रैल को चार मरीजों ने ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ दिया। गुस्साए परिजनो ने अस्पताल में हंगामा करने के साथ ही पथराव कर दिया। पथराव होने के बाद डॉक्टर बाकी मरीजों को उनके हाल पर छोड़कर भाग खड़े हुए। पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को शांत करवाया जिसके बाद अस्पताल से शवों को निकलवाया गया। मरने वालो में बीसलपुर पीलीभीत के रहने वाले आनंद कुमार, नवादा की बबली गुप्ता, रामपुर बाग निवासी जगदीश स्वरूप भटनागर सहित दातागंज की शिवानी गुप्ता की मौत हो गई।

हाथरस में समय से ऑक्सीजन ना मिलने पर इक महिला अधिवक्ता सहित दो की जान चली गई। आवास विकास कालोनी निवासी महिला अधिवक्ता मधुबाला विमल की तबियत कई दिनो से खराब चल रही थी। उन्हें शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन शनिवार की शाम उनका ऑक्सीजन लेवल नीचे चला गया। हाथरस से लेकर आगरा तक उन्हे कई चक्कर काटने के बाद कहीं भी ऑक्सीजन नहीं मिली। नतीजतन अधिवक्ता की मौत हो गई।   

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