Compulsory Retirement in Yogiraj : यूपी में 50 से अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट, 31 जुलाई तक लेना होगा फैसला

Compulsory Retirement in Yogiraj : योगी आदित्यनाथ सरकार में 50 से अधिक उम्र के अक्षम सरकारी कर्मियों को अनिवार्य रिटायरमेंट का आदेश दिया गया है....

Update: 2022-07-07 09:27 GMT

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Compulsory Retirement in Yogiraj : योगी सरकार ने 50 से अधिक उम्र के कर्मचारियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यह फैसला 50 से अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों के लिए है। इस फैसले के अंतर्गत यूपी में 50 से अधिक उम्र के सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट का आदेश दिया गया है। उत्तर प्रदेश (UP) के राज्य कर्मचारियों में इस फैसले से हाहाकार मचा हुआ है। काफी चिंता का माहौल देखने को मिल रहा है।

योगी सरकार (CM Yogi Adityanath) में सरकारी विभागों में कार्यरत 50 साल से अधिक उम्र वालों को जबरन रिटायरमेंट वाले मामले में मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने मंगलवार 5 जुलाई को सभी विभागों में 50 वर्ष तक की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों की स्क्रीनिंग 31 जुलाई तक करने का आदेश जारी किया है। कहा गया है इसके तहत 50 साल की उम्र पूरी कर चुके अक्षम सरकारी कर्मचारियों को चिन्हित कर जबरन रिटायरमेंट देने की बात कही जा रही है।

कर्मचारियों को इसकी जानकारी सरकार को 15 अगस्त तक देनी होगी

यूपी में सरकारी सेवाओं में दक्षता सुनिश्चित करने का आदेश कर्मचारियों को 33 सालों में छठी बार मिला है। सरकार की ओर से मिले आदेश के मुताबिक भ्रष्‍ट, गंभीर बीमारी, काम न करने वाले और जाँच में फंसे कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट पर 31 जुलाई तक फैसला करना होगा। कर्मचारियों को इसकी जानकारी सरकार को 15 अगस्त तक देनी होगी। ऐसे कर्मचारी जिनकी आयु 31 मार्च 2022 को 50 वर्ष या इससे अधिक होगी वह स्क्रीनिंग के दायरे में आएंगे और उन्हें 15 अगस्त तक स्क्रीनिंग के निर्देशकों का पालन करना होगा। यह अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश सबसे पहले फरवरी 1989 में जारी किया गया था।

राज्य के 14 लाख सरकारी कर्मचारियों पर दबाव डालने का टूल है अनिवार्य सेवानिवृत्ति

योगी सरकार के पहले कार्यकाल में 650 से अधिक अक्षम कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। इसमें 450 कर्मचारी पुलिस विभाग के थे। हरिकिशोर तिवारी जो राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा कि यह राज्य के 14 लाख सरकारी कर्मचारियों पर दबाव बनाने का टूल है।

यूपी सरकार के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने साफ किया है कि अगर किसी कर्मचारी के मामले को पहले स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखकर उसे सेवा में बनाए रखने का फैसला किया जा चुका है तो उस कर्मचारी का मामला दोबारा कमेटी में रखने की जरूरत नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामलों में अगर अपॉइंटिंग अथॉरिटी के सामने कोई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है। तो वे किसी भी समय कर्मचारी की अनिवार्य रिटायरमेंट का फैसला ले सकते है। 

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