सीमाई राज्यों में क्यों बढ़ाया BSF का दायरा, लोकसभा में सरकार ने दिया ये जवाब

राष्ट्र-विरोधी बलों द्वारा ड्रोन, मानव रहित हवाई वाहन, आदि जैसी तकनीक के उपयोग को नाकाम करने के लिए यह विस्तार जरूरी था। विस्तार क्षेत्र बढ़ाने से बीएसएफ के जवान और सशक्त होंगे।

Update: 2021-12-07 10:42 GMT

नई दिल्ली। पिछले कुछ माह से कुछ राज्यों में बीएसएफ का अधिकार बढ़ाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच विवाद जारी है। इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीएम मोदी मिल चुकी हैं।पंजाब के सीएम चरण सिंह चन्नी भी सवाल उठा चुके हैं। अब इस मुद्दे पर लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने बड़ा बयान दिया है। हालांकि, इस जवाब से भी विवाद का समाधान होना मुश्किल है।

सभी तरह की तस्करी पर रोक

लोकसभा में केंद्र सरकार ने कहा कि बीएसएफ के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में विस्तार का उद्देश्य हथियारों, नशीले पदार्थों और जाली नोटों की तस्करी पर रोक लगाना है। सरकार ने कहा कि राष्ट्र-विरोधी बलों द्वारा ड्रोन, मानव रहित हवाई वाहन, आदि जैसी तकनीक के उपयोग को नाकाम करने के लिए यह विस्तार जरूरी था। विस्तार क्षेत्र बढ़ाने से बीएसएफ के जवान और सशक्त होंगे।

बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में 50 किलोमीटर का क्षेत्र

बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल ही में एक आदेश जारी कर पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में बीएसएफ द्वारा तलाशी और गिरफ्तारी करने के अधिकार क्षेत्र को बढ़ा दिया गया था। जहां पहले बीएसएफ के यह अधिकार राज्यों की सीमा के अंदर 15 किलोमीटर तक सीमित थे, वहीं अब इन्हें बढ़ा कर 50 किलोमीटर तक लागू कर दिया गया है।

इसके पीछे मकसद गैर कानूनी कार्यों पर नियंत्रण है

इससे पहले दो दिसंबर को राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के विस्तार का उद्देश्य राज्य पुलिस के साथ मिलकर और उनके सहयोग से सीमा पर के अपराधों पर बेहतर और अधिक प्रभावशाली नियंत्रण हो सकेगा।

बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा सीमाई राज्यों में अधिकार क्षेत्र बढ़ाने पर पंजाब और पश्चिम बंगाल सरकार ने सख्त ऐतराज जताया है। इस बात को लेकर केंद्र और सीमाई राज्यों के बीच बाचतीत जारी है। 

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