PM मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के कथित आरोपी लेखपाल को योगी सरकार ने किया सस्पेंड
जखनियां तहसील के उप जिलाधिकारी सूरज यादव ने शनिवार को बताया कि ओड़रायी गांव में तैनात लेखपाल जितेंद्रनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जो सरकारी सेवा नियमावली के विरुद्ध बताया गया है...
जनज्वार ब्यूरो, लखनऊ। मौजूदा भाजपा सरकार के खिलाफ मुँह खोलने या सुर में सुर ना मिलाने पर तमाम पत्रकार तो जेल भेजे ही जा रहे हैं, सरकारी नौकर भी लपेटे में आ रहे हैं। ताजा मामला यूपी के मऊ से सामने आया है जहां एक लेखपाल पर आरोप है कि उसने पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी।
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक लेखपाल को राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जखनियां तहसील के उप जिलाधिकारी सूरज यादव ने शनिवार को बताया कि ओड़रायी गांव में तैनात लेखपाल जितेंद्रनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, जो सरकारी सेवा नियमावली के विरुद्ध बताया गया है।
उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच कराई गई और जांच में आरोप सही पाए गए। इसके बाद लेखपाल को सरकारी सेवा नियमावली का पालन न करने का दोषी पाया गया, इसलिए शुक्रवार देर शाम उसे निलंबित कर दिया गया। बताया गया है कि निलंबित लेखपाल मऊ जिले के सरसेना गांव का निवासी है।
इससे पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब किसी अधिकारी को पीएम के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए सस्पेंड किया गया हो। पिछले साल अप्रैल में पीएम मोदी के पर तंज कसते हुए मध्यप्रदेश में एक ज्वाइंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी का मजाक उड़ाते हुए पोस्ट किया था।
विवाद बढ़ने के बाद अधिकारी ने पोस्ट डिलीट कर दी थी। लेकिन राज्य सरकार ने गंभीरता से लेते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया था। इतना ही नहीं 2019 के आम चुनाव के दौरान ओडिशा के संबलपुर में प्रधानमंत्री मोदी के हेलीकॉप्टर की कथित रूप से जांच करने के लिए निर्वाचन आयोग ने ओडिशा के पर्यवेक्षक को निलंबित कर दिया था।
आयोग ने कहा था कि कर्नाटक कैडर के 1996 बैच के आईएएस अधिकारी ने एसपीजी सुरक्षा से जुड़े निर्वाचन आयोग के निर्देश का पालन नहीं किया। दरअसल, एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों को ऐसी जांच से छूट प्राप्त होती है। इसी नियम उल्लंघन को लेकर अधिकारी पर कार्रवाई हुई थी।