Noida News : जिला अस्पताल में गर्भस्थ शिशु को मृत बताकर दी गर्भपात की दवाई, निजी अस्पताल की जांच में बच्चा निकला स्वस्थ

Noida News : नोएडा में सेक्टर- 30 के जिला अस्पताल में एक प्रेग्नेंट महिला को अल्ट्रासाउंड के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे को मृत बता दिया गया, इतना ही नहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बच्चे की सफाई के लिए दवा खाने की सलाह दी...

Update: 2022-07-19 10:39 GMT

Noida News : जिला अस्पताल में गर्भस्थ शिशु को मृत बताकर दी गर्भपात की दवाई, निजी अस्पताल की जांच में बच्चा निकला स्वस्थ

Noida News : नोएडा में सेक्टर- 30 के जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही का मामला सामने आया है। एक प्रेग्नेंट महिला को अल्ट्रासाउंड के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे को मृत बता दिया गया। इतना ही नहीं स्त्री रोग विशेषज्ञ ने बच्चे की सफाई के लिए दवा खाने की सलाह दी।

प्राइवेट अस्पताल की जांच में बच्चा निकला स्वस्थ

पीड़ित महिला ने तसल्ली के लिए दो प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर पर अल्ट्रासाउंड कराया तो रिपोर्ट में बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ निकला। पीड़ित परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कार्यवाही को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

बच्चे को मृत बता कर दी गर्भपात की दवाई

सदरपुर के रहने वाले राजन मिश्रा सेक्टर- 18 में प्राइवेट नौकरी करते हैं। पत्नी सोनम कुमारी (27 वर्ष) को रविवार रात को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। डॉक्टर ने सोमवार सुबह 10:50 पर अल्ट्रासाउंड जांच कराई। 

पति राजन का आरोप है कि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रीति ने जांच रिपोर्ट देखने के बाद गर्भस्थ को मृत बताया। गर्भ की सफाई के लिए दवा खाने की सलाह दी। डॉक्टरों ने जबरन सादे कागज पर मरीज को अपनी मर्जी से ले जाने के बारे में लिखवाना चाहा लेकिन उसने मना कर दिया।


जिला अस्पताल के अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट निकली गलत

सोनम ने बताया कि पेट में हलचल हो रही है। अस्पताल की अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट गलत है। इसके बाद राजन पत्नी को लेकर सेक्टर 26 के डायग्नोस्टिक सेंटर पहुंचा। जांच रिपोर्ट में गर्भस्थ शिशु स्वस्थ निकला। इसके बाद राजन ने आरजी क्लीनिक में अल्ट्रासाउंड कराया। यहां भी गर्भस्थ शिशु को स्वस्थ बताया गया।

शिकायत करने पर डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों ने अभद्रता की

निजी अल्ट्रासाउंड की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद राजन जिला अस्पताल पहुंचा। उसने डॉक्टर को इस संबंध में जानकारी दी। आरोप है कि डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों ने अभद्रता की। राजन ने बताया कि महिला डॉक्टर ने कहा कि 'डाक्टर बनने के लिए 10 साल का समय लगता है। हमें मत बताओ हमारा काम क्या है।'

नाराज परिजनों ने अस्पताल में किया जमकर हंगामा

डॉक्टर और स्टाफ नर्स के रवैए से नाराज परिजनों ने करीब 2 घंटे तक अस्पताल में जमकर हंगामा किया। मामले की शिकायत परिजनों ने कार्यवाहक सीएमएस डॉ राजेंद्र कुमार से करनी चाही तो उन्होंने शिकायत सुनने से मना कर दिया। सुनील कुमार ने कहा इस संबंध में अल्ट्रासाउंड करने वाले डॉक्टरों और स्त्री रोग विशेषज्ञ से पूछताछ की जाएगी। मामले में शिकायत करेंगे तो आवश्यक कार्यवाही होगी।

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