UP News: यूपी के परचून दुकानदार अब नहीं बेच सकेंगे आयुर्वेदिक दवाएं, योगी सरकार लागू करने जा रही कड़ी नियमावली

UP News: अब तक आपने गांव-गिराव आदि की परचून दुकानों से दवा खरीदकर अपना कष्ट भले ही फौरी तौर मिटाया हो लेकिन अब परचून दुकानदार किसी भी तरह की दवाओं का वितरण नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार इसके लिए जल्द ही नई नियमावली लाने जा रही है...

Update: 2022-10-17 02:41 GMT

UP News: यूपी के परचून दुकानदार अब नहीं बेच सकेंगे दवाएं, राज्य सरकार लागू करने जा रही ये कड़ा नियम

UP News: अब तक आपने गांव-गिराव आदि की परचून दुकानों से दवा खरीदकर अपना कष्ट भले ही फौरी तौर मिटाया हो लेकिन अब परचून दुकानदार किसी भी तरह की दवाओं का वितरण नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार इसके लिए जल्द ही नई नियमावली लाने जा रही है। जिसके तहत अब प्रदेश में परचून की दुकानों या जनरल स्टोर से आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री नहीं हो पाएगी।

इस नियम के तहत ब्रांडेड आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री के लिए फार्मासिस्ट व लाइसेंस प्रणाली के अलावा दवा निर्माण में आयुर्वेदिक फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता लागू की जाएगी।दरअसल कोराना काल के बाद आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। इसका बाजार निरंतर बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता को लेकर गंभीर है।

इसी के तहत सभी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारियों को हर माह कम से कम दो दवाओं के सैंपल लेकर जांच के निर्देश दिए गए हैं। घटिया दवा तैयार करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। वहीं, आयुर्वेद विभाग का मानना है कि लाइसेंस प्रणाली लागू होने से आयुर्वेदिक दवा दुकानों पर लोगों को सही जानकारी मिलेगी। गुणवत्ता विहीन दवा बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विभाग विभिन्न राज्यों में तैयार की गई नियमावली का अध्ययन भी करा रहा है। आयुष मंत्रालय से भी सलाह ली गई है। सभी रिपोर्ट का मूल्यांकन करने के बाद प्रदेश में नई नियमावली तैयार कर लागू की जाएगी।

झोलाछापों से बचेंगे लोग

निदेशक आयुर्वेद प्रो. एसएन सिंह ने कहा कि नई व्यवस्था से इस विधा के फार्मेसिस्टों को रोजगार मिलेगा। दवा निर्माण से लेकर बिक्री तक की गुणवत्ता बढ़ेगी। विभाग के पास अधिकृत दुकानों की संख्या पता रहेगी। लाइसेंस खोने के डर से दुकानदार घटिया दवा बेचने से बचेंगे। नीम-हकीम जैसे झोलाछाप से लोग बचेंगे। आयुर्वेद के क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी। 

गौरतलब है कि, एलोपैथ दवा बिक्री का लाइसेंस बिना फार्मेसिस्ट के नहीं मिलता है। 2015 से होम्योपैथ में भी लाइसेंस प्रणाली लागू है, जिसमें फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता है। लेकिन इन सभी नियमों को ताक पर रखकर लोग परचून की दुकानों में ही दवाएं रखकर उन्हें बेच रहे थे। जिसपर अब लगाम लगाने की तैयारी है।

आयुष एवं एफएसडीए मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. दयाशंकर मिश्र 'दयालू' ने कहा कि,आयुष विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है। जल्द इसे अमल में लाया जाएगा। लाइसेंस होने से दवा दुकान को चिह्नित कर जांच करने में आसानी होगी।  

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