टावर कंपनी के करोड़ों रुपये बकाये के बाद पटना समेत बिहार के 30 इलाकों में BSNL सेवा ठप

पटना समेत बिहार के 30 इलाकों में बीएसएनएल की सेवा हो गयी है पूरी तरह ठप, कारण भी हास्यास्पद कि बीएसएनएल को टॉवर की सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी जीटीएल का है करोड़ों रुपया बकाया और उसने अपने टावर हटाने कर दिये हैं शुरू...

Update: 2020-06-11 08:39 GMT

जनज्वार ब्यूरो, पटना। सरकारी कंपनियों-प्रतिष्ठानों की दुर्दशा खासकर मोदी सरकार के आने के बाद आम हो गयी है। इन कंपनियों की दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है, यह शोध का विषय हो सकता है, मगर बिहार में बीएसएनएल की दुर्दशा के कारण कई महत्वपूर्ण सरकारी विभागों के कामकाज पर असर पड़ने लगा है। अधिकांश सरकारी विभागों और इसके पदाधिकारियों के नंबर बीएसएनएल के ही हैं और पब्लिक इंटरेस्ट में इन्हीं नम्बरों को सार्वजनिक किया गया है।

बीएसएनएल की दुर्दशा की कहानी की शुरुआत तो बहुत पहले हो चुकी थी, पर दावा किया जा रहा था कि अब इसे रिवाइव करने की कवायद शुरू की जा चुकी है, मगर बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के लगभग ढाई दर्जन इलाकों में पिछले कुछ दिनों से बीएसएनएल की सेवाएं ठप्प होती जा रहीं हैं। इससे कॉल नेटवर्क और इंटरनेट दोनों प्रभावित है।

वजह यह है कि जीटीएल कंपनी बीएसएनएल को टॉवर रूम की सुविधा उपलब्ध कराती है, जहां बीएसएनएल बीटीएस लगाती है। खबर है कि जीटीएल कंपनी का बीएसएनएल पर करोड़ों की राशि बकाया हो चुका है, जिस कारण उसने हाथ खींचना शुरू कर दिया है।

कुल 120 में से 30 टॉवरों में जीटीएल ने सेवा बंद कर दी है। कंपनी का कहना है कि बिजली बिल और रूम किराया देने को पैसे नहीं है। उधर बीएसएनएल वैकल्पिक व्यवस्था करने का दावा कर रहा है। इस बीच खबर है कि कंपनी ने राजधानी पटना के आठ इलाकों से टॉवर हटा लिया है, जिस कारण कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बीएसएनएल की सेवाएं ठप हो चुकी हैं।टॉवर ही नहीं रहेगा तो फिर सिग्नल कैसे मिलेगा।

इन सब समस्याओं के कारण राजधानी पटना सहित बख्तियारपुर, मुजफ्फरपुर आदि कई स्थानों पर बीएसएनएल ठप होने की स्थिति में आ गया है। उधर जिलों के महत्वपूर्ण पदाधिकारियों, थानों आदि के सार्वजनिक किए गए नंबर भी बीएसएनएल के ही हैं, जिस कारण यह मामला सीधे तौर पर जनसमस्या से जुड़ जा रहा है। यह स्थिति ज्यादा दिनों तक कायम रही तो सरकार को तो समस्या होगी ही, लोगों को भी भारी कठिनाई हो सकती है।

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