देश की प्रमुख माइनिंग कंपनी NDMC नहीं कर रही थी नियमों का पालन, छत्तीसगढ़ सरकार ने की कार्रवाई
एनएमडीसी लिमिटेड की दंतेवाड़ा जिले की बैलाडीला पहाड़ियों के बचेली और किरंदुल में कई बड़ी खदानें हैं, जहां यह अपने कुल वार्षिक लौह अयस्क उत्पादन का लगभग 75% उत्खनन करती है।
सुजीत कुमार की रिपोर्ट
जनज्वार ब्यूरो। छत्तीसगढ़ सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की प्रमुख खनन कंपनी एनएमडीसी लिमिटेड को एक बड़ा झटका देते हुए उसे गुरुवार को लौह अयस्क भंडारण, लोडिंग और शिपमेंट करने से रोक दिया।
खनिज संपन्न राज्य छत्तीसगढ़ ने कहा है कि भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क खननकर्ता कंपनी अनिवार्य नियमों का पालन नहीं कर रही थी और बार-बार चेतावनी के बावजूद राज्य के आदिवासी गढ़ व नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में अवैध रूप से लौह अयस्क का भंडारण और प्रेषण (डिस्पेचिंग) जारी रखे हुए थी।
एनएमडीसी लिमिटेड की दंतेवाड़ा जिले की बैलाडीला पहाड़ियों के बचेली और किरंदुल में कई बड़ी खदानें हैं, जहां यह अपने कुल वार्षिक लौह अयस्क उत्पादन का लगभग 75 प्रतिशत उत्खनन करती है।
एनएमडीसी के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार की कार्रवाई ने नवरत्न कंपनी के अस्तित्व एक खतरा पैदा कर दिया है, क्योंकि कर्नाटक सरकार के साथ इसका पहले से एक लंबे समय से चल रहा है और कर्नाटक ने डोनिमलाई खदान में खनन फिर से शुरू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
छत्तीसगढ़ सरकार के सूत्रों ने कहा कि एनएमडीसी को छत्तीसगढ़ सरकार की नाराजगी का सामना इसलिए करना पड़ा, क्योंकि उसने राज्य सरकार के साथ पिछले साल के अंत में अपनी मुख्य प्रतिबद्धताओं को निभाने से इनकार कर दिया था, जबकि उसकी खदानों के पट्टे 2035 तक बढ़ा दिए गए थे।
छत्तीसगढ़ में कार्यरत कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस मुद्दे पर कहा, एनएमडीसी लिमिटेड केवल इसलिए अपनी प्रतिबद्धता को निभाने में असहाय महसूस कर रही है, क्योंकि इस्पात मंत्रालय ने इसे अपने वादों से पीछे हटने के लिए मजबूर किया है, क्योंकि राज्य को विपक्षी कांग्रेस द्वारा चलाया जा रहा है।
एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, 'जब तक छत्तीसगढ़ के लोगों के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया बंद नहीं होता, तब तक एनएमडीसी को छत्तीसगढ़ में परिचालन फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।'
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले महीने इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने एनएमडीसी लिमिटेड को और अधिक जिम्मेदारी से कार्य करने और राज्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाने के लिए निर्देश देने को कहा था।
एनएमडीसी लिमिटेड देश में तीन लौह अयस्क परिसरों का संचालन करती है और इनमें से दो छत्तीसगढ़ में, जबकि तीसरा कर्नाटक में है। कंपनी 1960 के दशक के अंत से बैलाडीला पहाड़ियों पर लौह अयस्क की खुदाई का कार्य कर रही है।