Jharkhand Ropeway Incident Updates : मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख का मुआवजा देगी सोरेन सरकार, हाई लेवल जांच समिति गठित

Jharkhand Ropeway Incident Updates : झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में पर्वत रोप-वे हादसे एवं लोहरदगा में हुई घटना को लेकर उच्चस्तरीय बैठक की।

Update: 2022-04-13 02:58 GMT

Jharkhand Ropeway Incident Updates : मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख का मुआवजा देगी सोरेन सरकार, हाई लेवल जांच समिति गठित

Jharkhand Ropeway Incident Updates : झारखंड रोपवे घटना में सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त होने के बाद झारखंड सरकार ( Jharkhand Government ) ने देवघर के त्रिकूट पर्वत रोप-वे हादसे को लेकर उच्चस्तरीय जांच समिति ( High level investigation committee ) गठित करने का ऐलान किया है। साथ ही मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए मुआवजा ( Compensation ) देने का भी घोषणा की है। सीएम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ( CM Hemant Soremn ) ने मंगलवार को कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में पर्वत रोप-वे हादसे एवं लोहरदगा में हुई घटना को लेकर उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया।

सीएम हेमंत सोरेन ( CM Hemant Soren ) ने देवघर जिला स्थित त्रिकूट पर्वत रोप-वे हादसे की जांच के लिए उच्चस्तरीय जांच समिति ( High lebel committee ) में रोप-वे से संबंधित विशेषज्ञों को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही बैठक में त्रिकूट पर्वत रोप-वे हादसे को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने को भी कहा है। सीएम ने देवघर और लोहरदगा घटनाओं में घायल हुए लोगों को राज्य सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण ईलाज कराए जाने का निर्देश भी अधिकारियों को दिए है।

बता दें कि देवघर ( Deoghar ) में त्रिकूट के पास रोपवे हादसे ( Ropeway incident ) में केबल कार में फंसे 56 से ज्यादा लोगों को बचा लिया गया है। हालांकि, इस हादसे में दुर्भाग्यवश हर स्तर पर प्रयास के बावजूद 3 लोगों की मौत हुई है। केबल कार में कुल 59 लोग सवार थे। लगभग 46 घंटे तक चले लंबे 'रेस्क्यू ऑपरेशन' को भारतीय सेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और जिला प्रशासन ने आपसी सहभागिता से अंजाम तक पहुंचाया है।  

परिजनों ने की थी नौकरी देने की मांग

Jharkhand Ropeway Incident Updates : मंगलवार को पीड़ित परिजनों ने राकेश कुमार सिंह सहित तीन लोगों की मौत के लिए बचाव दल की लापरवाही को जिम्मेदार माना था। पीड़ित परिजनों ने कहा था कि अगर सही तरीके से सेफ्टी वॉल्ब लगाया गया होता तो तीनों की मौतें नहीं होती। रेस्क्यू के दौरान जिन लोगों ने लापरवाही की है उनका कोर्ट मार्शल हो। साथ ही हत्या के आरोप में सजा मिले। जो लोग मारे गए हैं उनके घर में कोई कमाने वाला नहीं है। उन लोगों का क्या होगा। लोगों से इस बात की भी शिकायत की कि कल से लेकर आज तक एक भी मंत्री मौके पर नहीं आया। किसी ने पीड़ितों की सुध नहीं ली। न ही किसी के धर पर मिलने कोई गया। सरकार को अपनी जिम्मेदारी लेनी होगी। सरकार मृतकों के परिजनों के एक-एक सदस्य को नौकरी दे। 

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