सोनीपत में 2 दलित लड़कियों का 12 पुलिसकर्मियों ने किया था वीभत्स गैंगरेप, संगठनों ने दिया 10 दिन का अल्टीमेटम

सबसे पहले जनज्वार ने घटना वाले गांव में जाकर मामले की ग्राउंड रिपोर्ट देश को दिखाई थी। हमने सिलसिलेवार ढंग से दोनों लड़कियों के परिवार से बात करते हुए उनके साथ हुई दरिंदगी को देश दुनिया के सामने रखा था

Update: 2020-10-29 13:33 GMT

जनज्वार, सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत में आज गुरुवार 29 अक्टूबर को बरोदा हल्के के गांव बुटाना की दो नाबालिग लड़कियों पर हुए पुलिसिया उत्पीड़न और वीभत्स के खिलाफ सोनीपत बस स्टैंड के पास स्थित अंबेडकर पार्क मे जन आक्रोश सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में छात्र एकता मंच, नौजवान भारत सभा और छात्र अभिभावक संघ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इकट्ठा होकर पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ रोष प्रकट किया।

Full View

गौरतलब है कि पिछले 30 जून की रात बुटाना में दो पुलिसकर्मियों की कथित हत्या के मामले मे पुलिस ने बुटाना गांव की दो दलित लड़कियों को भी दोषी बताया था, जिसके बाद इन लडकियों की मां ने 2 जुलाई को अपनी दोनों लड़कियों को लेकर बुटाना चौकी मे सरेंडर किया था। सरेंडर के बाद पुलिस चौकी बुटाना, बरोदा थाना व सीआईए स्टाफ गोहाना के एक दर्जन पुलिसकर्मियों ने नाबालिग लड़की के साथ वीभत्स तरीके से गैंगरेप किया था।

इस घटना के बाद मीडिया में सबसे पहले जनज्वार ने घटना वाले गांव में जाकर मामले की ग्राउंड रिपोर्ट देश को दिखाई थी। हमने सिलसिलेवार ढंग से दोनों लड़कियों के परिवार से बात करते हुए उनके साथ हुई दरिंदगी को देश दुनिया के सामने रखा था। जनज्वार में ग्राउंड रिपोर्ट आने के बाद तमाम राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का ध्यान इस तरफ गया और इस घटना के खिलाफ धरना—प्रदर्शन आयोजित होने लगे।

Full View

परिजनों के मुताबिक घटना वाली रात वर्दी वाले वहशी दरिंदों ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए नाबालिग लड़की के गुप्तांगों मे डंडा और कांच की बोतल तक ठूंस दी थी, जिसके कारण लड़की के गुप्तांगों से आतंरिक खून का बहाव अभी तक भी थम नहीं रहा है। इस घटना के चार महीने बीतने पर भी किसी प्रकार की कोई जांच प्रशासन द्वारा नही करवाई गयी है। बरोदा चुनाव के चलते सभी राजनीतिक दल भी घटना पर चुप है।

आज 29 अक्टूबर को सामाजिक-राजनीतिक संगठनों जनसभा बरोदा हल्के के बुटाना गांव की दलित नाबालिग लड़की के साथ पुलिस हिरासत में 12 पुलिस वालों द्वारा किये गये बर्बर बलात्कार के खिलाफ की गयी थी। दोनों दलित नाबालिग लड़कियों के साथ हुए इस वीभत्स बलात्कार के दोषियों पर कार्यवाही करवाने व घटना की निष्पक्ष जांच के लिए आंदोलन को तीव्र करने की दिशा मे यह जनसभा आयोजित की गयी थी।

जनसभा में आम नागरिकों के अलावा विभिन्न संगठनों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। जनसभा के बाद सभी संगठनों के एक-एक प्रतिनिधि की भागीदारी के साथ इस मामले को लेकर एक संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया है। जो अब इस केस का नेतृत्व और पिडिता को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।

नियुक्त की गई संयुक्त संघर्ष समिति ने आज से 10 दिन का अल्टीमेटम प्रशासन को दिया है कि या तो इन 10 दिनों मे प्रशासन कोई कार्यवाही करे वरना जनांदोलन का सामना करने को तैयार रहे।

जन आक्रोश सभा में संगठन एसएफएस चंडीगढ़, बेखौफ आजादी चंडीगढ़, भारतीय किसान पंचायत, एसयूसीआई, पीएसएफ, भीम आर्मी, दिशा छात्र संगठन, बाल्मीकी सभा, आजाद समाज पार्टी (ASP), लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी (LSP) मुख्य रूप से मौजूद रहे।

सभा में उपस्थित संगठनों ने अपनी दो मुख्य मांगें रखीं। पहली नाबालिग दलित लड़कियों के साथ हुए गैंगरेप की न्यायिक जांच हो। दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

Tags:    

Similar News