रामनगर में जी-20 के समानांतर 3 दिवसीय साइंस-20 का आयोजन, ग्रीन एनर्जी के नाम पर उत्तराखंड में बनाई गई जल विद्युत परियोजनाओं ने पर्यावरण को पहुंचाया भारी नुकसान
Ramnagar G-20 : जी-20 के मंच का मकसद दुनिया के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अच्छा जीवन उपलब्ध कराना नहीं है बल्कि इस मंच का इस्तेमाल अमेरिका और रूस जैसे साम्राज्यवादी मुल्क अकूत मुनाफा कमाने, कच्चे मालों के स्रोतों पर कब्जा तथा अपनी नीतियां गरीब देशों पर थोपने के लिए करते हैं...
Ramnagar news : रामनगर में हो रहे जी-20 सम्मेलन के समानांतर तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत 28 मार्च को संगोष्ठी, 29 मार्च को प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 के शहीद मंगल पांडे को श्रद्धांजलि तथा 30 मार्च को रैली एवं जनसभा आदि कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।
मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने बताया कि रामनगर में जी 20 सम्मेलन के अंतर्गत साइंस-20 की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। साइंस-20 के एजेंडे में सभी के लिए स्वास्थ्य और इलाज, ग्रीन एनर्जी तथा विज्ञान से समाज और संस्कृति को जोड़ना आदि शामिल है।
उन्होंने कहा कि 2017 में जर्मनी में साइंस-20 की शुरुआत हुई थी, जिसका फोकस सभी को स्वास्थ उपलब्ध कराना था परंतु 6 साल बीत जाने के बाद भी हमारे देश के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पाई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार स्वास्थ्य पर खर्च करने से देश के 5ः50 करोड़ से भी अधिक आबादी गरीबी रेखा के नीचे चली गई है। दुनिया के 1 चौथाई से भी अधिक टीबी के मरीज हमारे देश में है तथा प्रदूषित पीने का पानी पीने के कारण पिछले 30 वर्षों में 10 लाख से भी अधिक लोग लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी के नाम पर उत्तराखंड में बनाई गई जल विद्युत परियोजनाओं ने पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया है और जोशीमठ त्रासदी है, इसका सबसे ताजा उदाहरण है।
ललित उप्रेती ने कहा कि जी-20 के मंच का मकसद दुनिया के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य तथा अच्छा जीवन उपलब्ध कराना नहीं है बल्कि इस मंच का इस्तेमाल अमेरिका और रूस जैसे साम्राज्यवादी मुल्क अकूत मुनाफा कमाने, कच्चे मालों के स्रोतों पर कब्जा तथा अपनी नीतियां गरीब देशों पर थोपने के लिए करते हैं। अतः जी-20 जैसे मंच की हकीकत जनता के सामने आनी जरूरी है।
ललिता रावत ने जी-20 के नाम पर उजाड़े गए लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार से 100 करोड़ रुपए का पैकेज जारी करने की मांग की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार जब जी-20 के लिए 100 करोड़ खर्च कर सकती है तो यहां के लोगों के पुनर्वास के लिए क्यों नहीं।
बैठक में राजेंद्र सिंह, मदन सिंह, सरस्वती जोशी, कौशल्या चुनियाल, ललिता रावत, ललित उप्रेती, किशन शर्मा समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।