रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के संसद में दिये वक्तव्य को कुलियों ने बताया निराशाजनक, देशभर में चलाएंगे रोजगार संवाद अभियान

आज रेलवे के आधुनिकरण और निजीकरण के कारण रेलवे के कुलियों की आय बुरी तरह घट गई है और उनके सामने परिवार की आजीविका चलाने का संकट मौजूद है। ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह रेलवे के कुलियों के जीवन सुरक्षा की गारंटी करें, लेकिन सरकार इसे करने को तैयार नहीं है। इसलिए देश भर में संवाद अभियान चलाकर समाज के सभी तबकों से मिला जायेगा...;

Update: 2025-03-30 11:36 GMT
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के संसद में दिये वक्तव्य को कुलियों ने बताया निराशाजनक, देशभर में चलाएंगे रोजगार संवाद अभियान

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लखनऊ। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा रेलवे में कार्यरत कुलियों के संबंध में कांग्रेस के सांसद मुरारीलाल मीणा के लिखित प्रश्न का जवाब देते हुए आजीविका के संकट से गुजर रहे कुलियों को रेलवे की नौकरी में समायोजित करने, उनका न्यूनतम वेतन तय करने और दुर्घटना बीमा कराने के सवालों पर न बोलना बेहद निराशाजनक है।

रेल मंत्री ने अपने वक्तव्य में कुलियों के बच्चों की शिक्षा देने, परिवारजनों को इलाज की व्यवस्था करने, साल में एक बार स्लीपर क्लास का रेलवे पास देने की जो बातें की है, उनकी भी सच्चाई यह है कि वह जमीनी स्तर पर लागू नहीं होती। रेल मंत्री के इस वक्तव्य पर विचार करते हुए राष्ट्रीय कुली मोर्चा ने पूरे देश में रोजगार अधिकार संवाद चलाने का फैसला लिया है।

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राष्ट्रीय कुली मोर्चा के फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कुली मोर्चा के कोऑर्डिनेटर राम सुरेश यादव ने बताया कि इस संबंध में आज पूरे देश के कुलियों की वर्चुअल बैठक हुई है, जिसमें यह तय किया गया है कि सरकार और विपक्षी दलों के नेताओं, सांसदों व विधायकों से लेकर सभी जगहों के जन प्रतिनिधियों को कुलियों को रेलवे की नौकरी में समायोजित करने और उनकी सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के सवाल पर मांग पत्र दिया जाएगा। इसी कड़ी में हाल ही में 17 रेलवे जोन के महाप्रबंधक को पत्र देने का काम कुली मोर्चा ने किया है। देशभर में इस सवाल पर एक बड़ा हस्ताक्षर अभियान चलाने का भी फैसला बैठक में लिया गया।

कुलियों ने कहा कि संविधान में हर भारतीय नागरिक को गरिमापूर्ण जीवन जीने का अधिकार दिया गया है। आज रेलवे के आधुनिकरण और निजीकरण के कारण रेलवे के कुलियों की आय बुरी तरह घट गई है और उनके सामने परिवार की आजीविका चलाने का संकट मौजूद है। ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी है कि वह रेलवे के कुलियों के जीवन सुरक्षा की गारंटी करें, लेकिन सरकार इसे करने को तैयार नहीं है। इसलिए देश भर में संवाद अभियान चलाकर समाज के सभी तबकों से मिला जायेगा, ऐसा निर्णय मोर्चा के साथियों द्वारा लिया गया।

इसमें जलील अहमद, अरुण कुमार, राघवेंद्र प्रताप सिंह, नदीम, कलीम मकरानी, रहमतुल्लाह, चंदेश्वर मुखिया, राजकुमार यादव, रामबाबू बिलाला, राम महावार, श्रीराम कीर, अनिल सांवले, ज्वाला सिंह, अरुण कुमार महतो, सत्य प्रकाश, समय सिंह मीणा, कृपा योगी, कैलाश सिंह मीणा, राजकपूर, सभाजीत यादव, प्रकाश जाट,भोला यादव, कृष्णा, दीपक कुमार, कन्हैया ग्वाल, नीतीश कुमार, सुंदर, मूलचंद वर्मा, विकल खान, अशोक कुमार, अरविंद कुमार, उमेश, जफर खान, राजू टीकम, रामा राव, सुभाष यादव, सुनील,राहुल, अंकुश गोगे, अर्जुन कराड, रामजन्म यादव, महेंद्र यादव, मोहम्मद हाशिम, रमेश ठाकुर, वेंकट, जितेंद्र डांगी, वसंत कुमार, जी. कैलाश, उमेश यादव आदि लोग शामिल रहे।

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