किसान आंदोलन : पंजाब के सीएम कैप्टन बोले, कांग्रेस के मेनिफेस्टो को लेकर झूठ बोल रहे कृषि मंत्री तोमर

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में भी स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा...

Update: 2020-09-25 01:26 GMT

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पर किसान बिलों को लेकर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।

कैप्टन ने कृषि मंत्री तोमर के दावों को झूठ की गठरी करार दिया। कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पंजाब सरकार और कांग्रेस पार्टी को लेकर झूठे दावे किए हैं। कृषि मंत्री तोमर की ओर से पंजाब कांग्रेस के 2017 के मेनिफेस्टो में एपीएमसी को बदले जाने की बात उठाए जाने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि लगता है कि उन्होंने घोषणापत्र पढ़ा ही नहीं। मेनिफेस्टो में साफ तौर पर यह वायदा किया गया था कि एपीएमसी एक्ट को नया रूप दिया जाएगा, जिससे किसानों को डिजिटल तकनीक से और मौजूदा एमएसपी प्रणाली के साथ छेड़छाड़ किए बिना, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंडियों तक पहुंचने में मदद की जा सके और भारत सरकार को मौजूदा एमएसपी प्रणाली के साथ बिल्कुल भी छेड़छाड़ करने न देने का भी वायदा इस मेनिफेस्टो में किया गया था।

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के संबंधित मेनिफेस्टो में यह भी कहा गया था कि कृषि मंडीकरण का नवीनीकरण किया जाएगा और इसको डिजिटल रूप देते हुए कृषि मंडीकरण के अलावा किसी भी और मकसद के लिए मंडी बोर्ड के फंड इस्तेमाल करने पर पूर्ण पाबंदी लगाई जाएगी।

मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि कांग्रेस के 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में भी स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को हर कीमत पर सुरक्षित रखा जाएगा और राज्य सरकारों की ओर से हजारों मार्केट तथा मंडियां स्थापित की जाएंगी। जिससे किसानों को अपना उत्पाद लाभ के साथ बेचने के लिए आसान पहुंच मुहैया करवाई जा सके।

गौरतलब है कि संसद में केंद्र सरकार द्वारा कृषि से जुड़े तीन विधेयक पास करने का लगातार विरोध हो रहा है। विरोधी राजनीति दलों समेत कई किसान संगठन इसका विरोध कर रहे हैं।

आज 25 सितंबर को इसी सिलसिले में किसान संगठनों द्वारा पूरे देश में बंद का आह्वान किया गया है। किसान संगठन विभिन्न राज्यों में सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चक्का जाम करेंगे। किसानों के आह्वान को देखते हुए राजधानी दिल्ली की सीमा पर अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है।

किसानों को रोकने के लिए दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर सील करने के तैयारी है। हालांकि गुरुवार को दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर यातायात एकदम सामान्य रहा। दरअसल भारतीय किसान यूनियन समेत कई अन्य संगठनों ने 25 सितंबर को देशभर में बंद व चक्का जाम करने का ऐलान किया है। पंजाब में 31 किसान जत्थेबंदियां (संगठन) इस लड़ाई में एक साथ आ गयी हैं। हरियाणा, उत्तर प्रदेश में भी किसान यूनियनों के संगठन बन्द व चक्काजाम में शिरकत करेंगे।

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