Farmers Protest: जारी रहेगा किसान आंदोलन, 26 नवंबर को आंदोलन के एक साल पूरा होने पर देशभर में किसान मनाएंगे जश्न

Farmers Protest: किसान संघ की बैठक के बाद नेता दर्शन पाल सिंह ने मीडिया को बताया कि 22, 26 और 29 नवंबर को किसानों का जो तय कार्यक्रम था वह जारी रहेगा...

Update: 2021-11-20 10:20 GMT
जारी रहेगा किसानों का आंदोलन

Farmers Protest: देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने भले ही ऐलान कर दिया हो कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानून (Farmers Bill) वापस लेगी, लेकिन किसानों का आंदोलन अब भी जारी है। शुक्रवार को किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था कि जब तक संसद में इस बिल को रद्द करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती किसानों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा। इसी बीच, शनिवार 20 नवंबर को किसानों ने ऐलान कर दिया कि 26 नवंबर को यूपी की राजधानी लखनऊ में महापंचायत (Kisan Mahapanchayat) का कार्यक्रम होगा। इसके साथ ही देशभर में किसान आंदोलन (Farmers Protest) को एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा।  

किसान संघ की बैठक के बाद नेता दर्शन पाल सिंह ने मीडिया को बताया कि 22, 26 और 29 नवंबर को किसानों का जो तय कार्यक्रम था वह जारी रहेगा। 22 नवंबर को लखनऊ में रैली होगी और 26 को किसान आंदोलन को एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा।

समाचार एजेंसी एएनआई (ANI) के मुताबिक, किसान नेता दर्शन पाल सिंह (Darshan Pal Singh) ने बताया कि, "22 तारीख को लखनऊ में किसान रैली का आयोजन होगा जिसमें देशभर के किसान जुटेंगे। इस रैली को कामयाब करना है।" वहीं, किसानों ने चेतावनी दी कि, "अगर लखीमपुर खीरी में किसानों को परेशान करने की कोशिश की जाती है तो फिर हम लखीमपुर खीरी इलाके में आंदोलन चलाएंगे।"

भारतीय किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने कहा कि, "किसान मोर्चा की बैठक में फैसला लिया गया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम होने वाले हैं वो जारी रहेंगे। 22 को लखनऊ रैली, 26 को पूरे देश में किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर जश्न मनाया जाएगा और 29 को ट्रैक्टर मार्च (संसद तक) होगा। आंदोलन जारी रहेगा।"

पीएम मोदी ने की किसानों से घर वापसी की अपील

आपको बता दें कि शुक्रवार, 19 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modu) ने देश को संबोधित किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने अच्छी नीयत से कृषि बिल लाया था, लेकिन वे कुछ किसानों को नहीं समझा पाए। पीएम ने टीवी पर देशवासियों से माफी मांगते हुए कहा था कि हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए, खासकर छोटे किसानों के लिए, देश के कृषि जगत के हित में, देश के हित में, गांव गरीब के उज्जवल भविष्य के लिए, पूरी सत्य निष्ठा से, किसानों के प्रति समर्पण भाव और नेक नीयत से ये कानून लेकर आई थी। लेकिन इतनी पवित्र बात जो कि किसानों के हित की बात थी, हम अपने प्रयासों के बावजूद कुछ किसानों को समझा नहीं पाए।

पीएम ने अपने संबोधन में आंदोलनकारी किसानों से अपने घरों और खेतों में लौटने का अनुरोध भी किया। प्रधानमंत्री ने किसानों को भरोसा दिलाया कि इसी महीने संसद सत्र (Parliament Session) के दौरान कृषि कानून को वापस लेने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

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