दुनिया में आ रही मंदी का समाधान जी 20 जैसे मंचों के पास नहीं, इसका समाधान वैज्ञानिक समाजवाद द्वारा ही संभव

विकास और स्वच्छता का सरकार जो प्रचार कर रही है धरातल पर वह कहीं भी नजर नहीं आ रही है, हम जी.20 का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि उसके समानांतर अपनी बातें रख रहे हैं...

Update: 2023-03-25 09:01 GMT

Ramnagar news : देश में जी-20 शिखर सम्मेलन के अंतर्गत रामनगर में 28, 29, 30 मार्च को हो रही साइंस 20 की बैठक के समानांतर समाजवादी लोक मंच ने 3 दिन के कार्यक्रम की घोषणा की है। तथा ‘जी-20 बैठक विकास और जनहित का ढकोसला बंद करो’ शीर्षक से पर्चा भी जारी किया है।

पत्रकार वार्ता में मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने बताया कि 28 मार्च को रामनगर नगर पालिका सभागार में साइंस 20 के मुद्दे स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा तथा विज्ञान को समाज और संस्कृति से जोड़ने को लेकर विभिन्न संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता एवं नेता गोलमेज बैठक कर साझा बयान जारी करेंगे।

दूसरे दिन 29 मार्च को जनकवि बल्ली सिंह चीमा की पुस्तक जिंदा है तो दिल्ली आजा तथा नंदिता हकसर और अंजलि देशपांडे द्वारा लिखित पुस्तक फैक्ट्री जापानी प्रतिरोध हिंदुस्तानी का विमोचन व प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के शहीद मंगल पांडे को याद करते हुए शाम 5ः30 बजे से भगतसिंह चौक पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा।

तीसरे दिन 30 मार्च को सभी देशवासियों को निःशुल्क व गुणवत्तापूर्ण इलाज की गारंटी, जी-20 सम्मेलन के नाम पर उजाड़े गए लोगों के पुनर्वास के लिए 100 करोड रुपए का बजट जारी करने, रोजगार को मौलिक अधिकार घोषित करने एवं दोहरी शिक्षा प्रणाली को समाप्त कर सभी को समान शिक्षा देने आदि की मांगों को लेकर पुरानी तहसील पर जनसभा एवं रैली का आयोजन किया जाएगा।

सौरभ इंसान ने कहा कि जी-20 मंच का इस्तेमाल अमेरिका, रूस फ्रांस, ब्रिटेन जैसे साम्राज्यवादी मुल्क दुनिया को लूटने के लिए करते हैं। यदि इनका उद्देश्य दुनिया में रोजगार पैदा करना होता तो फेसबुक और अमेजॉन जैसी कंपनियां छंटनी कर भारी संख्या में लोगों को बेरोजगार नहीं कर रहीं होती।

किसान नेता ललित उप्रेती मंच के द्वारा लिए गए 3 दिन के समानांतर कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि दुनिया में आ रही मंदी का समाधान जी 20 जैसे मंचों के पास नहीं है। इसका समाधान वैज्ञानिक समाजवाद के द्वारा ही संभव है । हमारे कार्यक्रम का उद्देश्य जनता को जी-20 जैसे मंच के पीछे छुपे लूट और शोषण से जनता को अवगत कराना है।

एआई केएम एस के नेता धर्मपाल सिंह ने कहा कि देश के किसानों ने 13 महीने के आंदोलन से सरकार को कृषि बिल वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया था, आज देश के लोगों को संगठित होकर संघर्ष करने की आवश्यकता है।

उपपा नेता प्रभात ध्यानी ने कहा कि विकास और स्वच्छता का सरकार जो प्रचार कर रही है धरातल पर वह कहीं भी नजर नहीं आ रही है, हम जी.20 का विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि उसके समानांतर अपनी बातें रख रहे हैं।

इमके नेता रोहित रुहेला ने कहा कि सरकार ने चार लेबर कोड लाकर देश के 39 श्रम कानूनों को खत्म कर दिया है। सरकार की निजीकरण की नीतियों के तहत एयर इंडिया से लेकर सभी सरकारी संस्थान निजी पूंजी पतियों को भेजे जा रहे हैं।

महिला एकता मंच की ललिता रावत ने बताया कि 3 दिनों के कार्यक्रम में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व दिल्ली एनसीआर के 2 दर्जन से अधिक प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। पत्रकार वार्ता के दौरान मनमोहन अग्रवाल, राजेंद्र सिंह, मुकेश जोशी, कौशल्या चुनियाल, सरस्वती जोशी दीपक सुयाल आदि मौजूद रहे।

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