गाजीपुर बॉर्डर किसान आंदोलन : रातोंरात पलट गई बाजी, ट्विटर पर ट्रेंड हुआ #राकेश_टिकैत_हीरो_है
भावुकता भरे टिकैत के आंसुओं ने ऐसा किसानों को ऐसी मजबूती दी कि भाजपा समर्थक और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले पुलिस को धीरे-धीरे पीछे खिसकने पर मजबूर होना पड़ा। रात होते-होते भीड़ का जमावड़ा टिकैत के समर्थन में लगना शुरू हो गया। टिकैत जिंदाबाद और भारतीय किसान यूनियन के जयकारे लगने लगे....
जनज्वार, गाजीपुर। किसानों के समाप्त होते प्रदर्शन को राकेश टिकैत के आंसुओं ने नई ऊर्जा देने का काम किया है। कल 28 जनवरी की देर रात गिरफ्तारी देने और फिर अड़े रहने के बाद टिकैत की आंखों से आंसुओं का छलकना भाजपा की पूरी की पूरी गड़ित बदल गया। अनुमान लगाया जा रहा था कि आज रात धरना समाप्त हो जाएगा, पर रातोंरात धरने की पूरी सूरत ही बदल गई।
कल 28 जनवरी तक गाजीपुर बॉर्डर में बचे मुट्ठीभर किसानों ने अपना-अपना सामान समेटना शुरू कर दिया था। मायूसी भरे माहौल में कुछ सौ एक किसान बचे हुए थे। जो मीडिया कल तक धरनास्थल तक पहुंच भी नहीं रहा था, वह सभी सरकार के भोंपू बनने की अगुवाई में गाजीपुर बॉर्डर पहुंच चुके थे। खुद टिकैत ने कहा कि वह सरेंडर कर देंगे, लेकिन कुछ ही देर में बाजी इस कदर पलटी की सुबह होते होते आंदोलन एक नया रूप ले गया।
देश का शायद ही ऐसा कोई चैनल हो जो कल गाजीपुर बॉर्डर में मौजूद न दिख रहा हो। सबको यही लग रहा था कि रात 12 बजते ही ये धरना समाप्त करवा दिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों के डीएम को आदेश दिया था कि कहीं भी धरना प्रदर्शन न हो, यदि हो तो उसे खत्म कराया जाए। मीडिया के बीच कौतूहल था कि धरना कैसे खत्म होगा। सभी की नजरें टिकैत पर जमीं थीं, लेकिन इसी बीच कैमरों के आगे टिकैत फफककर रो पड़े।
भावुकता भरे टिकैत के आंसुओं ने ऐसा किसानों को ऐसी मजबूती दी कि भाजपा समर्थक और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डाले पुलिस को धीरे-धीरे पीछे खिसकने पर मजबूर होना पड़ा। रात होते-होते भीड़ का जमावड़ा टिकैत के समर्थन में लगना शुरू हो गया। टिकैत जिंदाबाद और भारतीय किसान यूनियन के जयकारे लगने लगे। उत्तराखंड से आये एक सिख का कहना था कि उसने अपनी जिंदगी में पहली बार टिकैत की आंखों में आंसू देखे हैं, अब यही आंसू तेजाब बन जाएंगे।