निजीकरण के विरुद्ध श्रमिक तथा कर्मचारी संगठनों ने किया देशभर में प्रदर्शन

देश के संस्थानों के निजीकरण और श्रम कानूनों में संशोधन को लेकर श्रमिक संगठनों ने इस प्रदर्शन का आह्वान किया था, इसके तहत विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर भी प्रदर्शन किया गया...

Update: 2020-08-09 12:49 GMT

पटना जंक्शन पर प्रदर्शन करते रेल कर्मचारी

जनज्वार ब्यूरो, पटना। संस्थानों के निजीकरण के विरोध में श्रमिक संगठनों द्वारा देश भर में विरोध प्रदर्शन किया गया। पूर्वघोषित कार्यक्रम के अनुसार इन संगठनों ने 'सेव द नेशन' कार्यक्रम चलाया, वहीं रेलवे से जुड़े एंप्लॉइज यूनियनों ने रेलवे के निजीकरण के विरुद्ध 'रेल बचाओ देश बचाओ' कार्यक्रम चलाया और स्टेशनों पर विरोध प्रदर्शन किया।

रेलवे स्टेशनों पर बैनर-तख्ती लेकर प्रदर्शन

इसे लेकर रेणुकूट रेलवे स्टेशन पर आज RKTA, AILRSA तथा ECREU के तत्वावधान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया गया। वहीं रेल बचाओ-देश बचाओ अभियान के तहत IREF ECREU तथा AICCTU द्वारा पटना जंक्शन पर प्ले कार्ड लेकर प्रदर्शन किया गया।


             रेणुकूट स्टेशन पर प्रदर्शन करते रेलकर्मी

 बिहार के ही दरभंगा रेलवे स्टेशन पर ऐक्टू से सम्बद्ध रेलवे इम्प्लॉइज यूनियन और झारखंड के धनबाद स्थित रेल मंडल के अंतगर्त सिंगरौली, रेणुकूट, बरवाडीह,पतरातू, बरकाकाना, गोमो, धनबाद, कोडरमा, बधुआ व चैनपुर आदि रेलवे स्टेशनों पर भी रेल बचाओ-देश बचाओ कार्यक्रम आयोजित किया गया।

क्या कहते हैं यूनियन के पदाधिकारी

रेल इंप्लाइज यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ कमल उसरी ने कहा 'लगातार केंद्र सरकार ने मजदूर विरोधी नीतियाँ बनाई हैं, जिससे रेलवे के कर्मचारियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। देश के सभी सेक्टरों के साथी कोविड-19 जैसी महामारी से लड़ने के साथ-साथ मज़दूर विरोधी नीतियों से भी संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में मजदूरों को एकत्र होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन पर उतरना ही एकमात्र विकल्प रह गया है। हम सभी का आह्वान करते हैं कि इन नीतियों के विरुद्ध एकजुटता दिखाते हुए साथ आएं।'

इससे पहले कई संगठनों ने संयुक्त रूप से इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था। इन संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर एक मांगपत्र भी जारी किया था।


क्या समस्याएं और मांगें हैं इन संगठनों की

1.निजीकरण एवं निगमीकरण के अंतर्गत भारतीय रेल में 109 प्राइवेट ट्रेन चलाने की अनुमति दे दी गई है। रेल को प्राइवेट हाथों में सौंपने के साथ-साथ रक्षा विभाग , कोयला विभाग , एयर इंडिया , बैंक , एलआईसी , परमाणु ऊर्जा , बंदरगाह , हवाई अड्डे , पब्लिक सेक्टर के बैंकों को भी निजी हाथों से वापस लिया जाय।

2. श्रम कानून के बदलाव को वापस कर पूर्ववत किया जाय।

3. मँहगाई भत्ता एवं मँहगाई राहत फ्रीज करने के आदेश को तत्काल वापस लिया जाय।

4. रेल कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारी बने रहने दिया जाय।

5. एनपीएस बंद कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाय।

6.कोविड-19 काल में रेल कर्मचारियों को 5000000 की बीमा किया जाय।

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