12 घंटे काम लागू करने पर आमादा मोदी सरकार मजदूरों को डाल रही आधुनिक गुलामी में, देश हो रहा जेलखाने में तब्दील

पूंजीपति घरानों के सामने घुटना टेकने वाली भाजपा सरकार असहमति की आवाज पर बर्बर दमन ढा रही है, पूरा देश जेलखाने में तब्दील हो गया है....

Update: 2024-05-02 07:23 GMT

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सोनभद्र। शिकागो में जिस काम के घंटे 8 करने के सवाल पर मजदूर नेताओं ने शहादत दी, उसे ही बदलकर अब 12 घंटा करने पर मोदी सरकार आमादा है। नए लेबर कोड में इसे कानूनी जामा पहना दिया गया है और अगर तीसरी बार मोदी की सरकार आई तो मजदूरों को आधुनिक गुलामी का शिकार होना पड़ेगा। इसलिए इसे सत्ता से हटाना मजदूरों का प्रमुख दायित्व है। यह बातें मई दिवस के मौके पर एजेंडा लोकसभा चुनाव पर मजदूरों से हुए संवाद में ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने कहीं।

उन्होंने कहा कि देश में डंडे का लोकतंत्र चल रहा है। हालत 'जबरा मारे और रोहुअ न दें...' की हो गई है। पूंजीपति घरानों के सामने घुटना टेकने वाली भाजपा सरकार असहमति की आवाज पर बर्बर दमन ढा रही है। पूरा देश जेलखाने में तब्दील हो गया है। उत्तर प्रदेश में ही निजीकरण पर रोक और अपने जायज सवालों को उठाने पर बिजली कर्मचारियों का निर्मम दमन किया गया, सैकड़ो लोगों को सस्पेंड किया गया, वेतन व पेंशन काटा गया और उनके ऊपर एफआईआर दर्ज कराई गई है। यदि देश का नागरिक बोल भी न पाए और अन्याय का प्रतिकार भी न कर सके तो किस बात का लोकतंत्र देश में रहेगा। लोकतंत्र वंचित समुदायों के विकास व अधिकार और शोषण, उत्पीड़न, अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए अनिवार्य है। इसलिए चुनाव में लोकतंत्र की रक्षा, बिजली क्षेत्र का निजीकरण और बिजली कर्मचारियों के उत्पीड़न का सवाल भी एक प्रमुख मुद्दा बनेगा।

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में तो हालत बेहद खराब है मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी का भाजपा राज में पिछले 6 सालों से वेज रिवीजन नहीं हुआ। इसके कारण मजदूर इस महंगाई में बेहद मुश्किलों में अपने परिवार का जीवन यापन कर पा रहे हैं। पूरे औद्योगिक क्षेत्र में गैर कानूनी ढंग से ठेका प्रथा चलाई जा रही है स्थाई कामों में ठेका प्रथा प्रतिबंधित करने के बावजूद बेहद कम मजदूरी पर पूरी जिंदगी मजदूरों से ठेका प्रथा में काम कराया जाता है। ठेका मजदूरों की पक्की नौकरी और उनकी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी ही मजदूरों के जीवन में खुशहाली ला सकती है।

उन्होंने कहा कि ओबरा से लेकर शक्तिनगर तक लाखों की संख्या में मजदूर मलिन बस्तियों, झुग्गी झोपड़ियां व परियोजना के क्वार्टरों में रहते हैं और आए दिन उन्हें उससे बेदखल किया जाता है। इसलिए उनके आवास की गारंटी करने का सवाल चुनाव में उठेगा।

संवाद में युवा मंच प्रदेश संयोजक राजेश सचान, ठेका मजदूर यूनियन के जिला मंत्री तेजधारी गुप्ता, प्रचार मंत्री शेख इम्तियाज, रामेश्वर गुप्ता, मानिक लाल सोनी, गोविंद प्रजापति, मसीदुल्लाह अंसारी, जमुना यादव, पृथ्वी राज समेत दर्जनों लोग शामिल रहे।

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