किसानों के समर्थन में बॉर्डर पहुंचे होशियारपुर के 'बाबा,' किसानों का कर रहे नि:शुल्क उपचार

अजेब सिंह कहते हैं, घर की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए हमारा कारोबार है, खेती और अन्य साधन है, मैं मरीजों की निशुल्क सेवा करता हूं, वहीं किसान आंदोलन में शरीक हो रहे किसान, मजदूरों और गरीबों की सेवा कर वह आंदोलन को समर्थन देने का प्रयास कर रहा हूं...

Update: 2021-02-27 04:24 GMT

file photo : farmer protest

गाजीपुर बॉर्डर। पंजाब के होशियारपुर से गाजीपुर बार्डर पहुंचे बाबा अजेब सिंह कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों का उपचार कर रहे हैं। खास बात ये है कि इनका इलाज पूरी तरह से देसी नुस्खों पर टिका हुआ है।

दरअसल बाबा अजेब सिंह देशी नुस्खों और एक्यूप्रेशर के सहारे किसानों का उपचार करते हैं। इस पर उनका कहना है कि किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए बॉर्डर पहुंचा हूं वहीं इससे पहले सिंघु बॉर्डर हो कर आया हूं, बीते 20 सालों से इसी तरह लोगों का इलाज कर रहा हूं।

बॉर्डर पर बैठे कई आन्दोलनकारियों ने अजेब सिंह से अपना इलाज कराया, वहीं इस इलाज का अजेब सिंह कोई पैसा भी नहीं लेते।

अजेब सिंह ने निशुल्क सेवा करने पर आईएएनएस से कहा कि, घर की आर्थिक रूप से मदद करने के लिए हमारा कारोबार है, खेती और अन्य साधन है। मैं मरीजों की निशुल्क सेवा करता हूं। वहीं किसान आंदोलन में शरीक हो रहे किसान, मजदूरों और गरीबों की सेवा कर वह आंदोलन को समर्थन देने का प्रयास कर रहा हूं।

अजेब सिंह के अनुसार डिस्क या सर्वाइकल की समस्या होना या हड्डी टूटी हुई हो उसे तुरंत ठीक कर देते हैं। वहीं जिन मरीजों को डॉक्टर कह देते है कि ऑपरेशन कराना पड़ेगा उन्हें हमारे पास ले आए मौके पर ही ठीक कर देते है।

अजेब सिंह ने कहा कि, हर दिन 400 से 500 लोगों का इलाज करता हूं, वहीं रीड की हड्डी, गुर्दे खराब होना, मिर्गी और अन्य बीमारियों का इलाज करता हूं। दरअसल तीन नए अधिनियमित खेत कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल 26 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 पर किसान सशक्तिकरण और संरक्षण समझौते के लिए सरकार का विरोध कर रहे हैं।

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