Jalore Kand : दर्जी की हत्या पर गहलोत सरकार ने दिया ₹50 लाख और सरकारी नौकरी, दलित मृतक छात्र के परिजनों को मात्र ₹5 लाख
Jalore dalit boy death case : आज भी किसी व्यक्ति को किराए पर मकान देने से पहले उसकी जाति पूछी जाती है, दलित जाति के लोगों को आसानी से मकान किराए पर नहीं दिया जा रहा है...
Jalore Dalit boy death case : समाजवादी लोक मंच ने राजस्थान के जालौर जिले में सरस्वती विद्या मंदिर के हेड मास्टर द्वारा कक्षा 3 के विद्यार्थी को पानी का मटका छू लेने के कारण पीट-पीटकर मारे जाने को लेकर आक्रोश व्यक्त किया है तथा इसके खिलाफ कल 17 अगस्त को लखनपुर चौक पर धरना प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
समाजवादी लोक मंच की पैठ पड़ाव में हुई बैठक में मंच के संयोजक मुनीष कुमार ने कहा कि पानी का मटका छू लेने के कारण 9 वर्ष के विद्यार्थी की जातिवादी मानसिकता से ग्रसित हेड मास्टर द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और राजस्थान की कांग्रेस सरकार जातिवाद के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों पर लाठी चार्ज करवा कर उनके दमन पर उतारू हो जाती है। राजस्थान की घटना से साफ है कि सत्ता पर बैठी हुई पार्टियां जातिवाद को बनाए रखना चाहती है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में मुआवजे को लेकर भी भेदभाव किया जा रहा है। 2 महीने पहले एक दर्जी की हत्या पर गहलोत सरकार ने ₹50 लाख मुआवजा व सरकारी नौकरी की घोषणा की थी परंतु मृतक छात्र इंद्र के परिजनों को मात्र ₹5 लाख का ही मुआवजा दिया जा रहा है क्योंकि वह इस तथाकथित सामाजिक व्यवस्था के क्रम में नीची जाति में आता है।
ललित उप्रेती ने कहा कि जातिवाद एक घृणित मानसिकता है जिसके खिलाफ जन आंदोलन को तेज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भी किसी व्यक्ति को किराए पर मकान देने से पहले उसकी जाति पूछी जाती है। दलित जाति के लोगों को आसानी से मकान किराए पर नहीं दिया जा रहा है।
राजेंद्र कुमार ने क्षेत्र की जनता से कल 17 अगस्त को दिन में 11 बजे लखनपुर चौक पर जातिवाद के खिलाफ आयोजित धरने में भागीदारी करने की अपील की है।
बैठक में एडवोकेट मदन मेहता, बीडी नैनवाल, सरस्वती जोशी, किसन शर्मा,कौशल्या समेत दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।