Hate Politics : 108 पूर्व नौकरशाहों ने लिखा मोदी को पत्र, कहा - नफरत का कारोबार बंद कराओ 'सरकार'

Hate Politics : पीएम मोदी लिखे पत्र पर 108 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। इनमें दिल्ली के पूर्व एलजी नजीब जंग, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व गृह सचिव जीके पिल्लई और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के मुख्य सचिव टीकेए नायर के नाम शामिल हैं।

Update: 2022-04-27 07:12 GMT

file photo

नई दिल्ली। नफरत की राजनीति ( Hate Politics )  की वजह से विभिन्न समुदायों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए 100 से अधिक पूर्व नौकरशाहों ( Former Bureaucrates )  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi )  को खुल पत्र ( Open Letter ) लिखकर नफरत की राजनीति को खत्म करने की अपील की है। पूर्व नौकरशाहों ने खत के जरिए भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) शासित राज्यों को लेकर कहा है कि वहां कथित तौर पर इस तरह के मामले ज्यादा आ रहे हैं।

जंग और मेनन सहित 108 नौकरशाहों के हस्ताक्षर

पूर्व नौकरशाहों ( Former Bureaucrates ) के पत्र में कहा गया है कि हम देश में नफरत से भरे विनाश का उन्माद देख रहे हैं, जहां न केवल मुस्लिम और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है, बल्कि संविधान के साथ खिलवाड़ भी हो रहा है। इस पत्र पर 108 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह, पूर्व गृह सचिव जी के पिल्लई और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मुख्य सचिव टी के ए नायर शामिल हैं।

पत्र लिखने की मजबूरी भी बताई

पूर्व नौकरशाहों ( Former Bureaucrates ) ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि हम इस स्थिति को इस तरह के शब्दों में व्यक्त नहीं करना चाहते हैं, लेकिन जिस तरह से संवैधानिक संस्थानों को नष्ट किया जा रहा है, उसे देखते हुए हमें बोलने, गुस्सा, निराशा और पीड़ा व्यक्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

आपकी चुप्पी ठीक नहीं, इसे तोड़िए

पिछले कुछ सालों में असम, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अल्पसंख्यक समुदायों, विशेष रूप से मुसलमानों के खिलाफ चौंकाने वाली हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। इन घटनाओं के पीछे भीड़ व निजी भावों में नफरत देखने को मिली है। खास बात यह हे कि ये सभी राज्य भाजपा शासित हैं। दिल्ली को छोड़कर दें तो वर्तमान सत्ता की कार्यशैली की वजह से शासन-प्रशासन और पूरा सामाजिक ताने बाने ने एक नया आयाम हासिल कर लिया है।

भारतीय संविधान को ताक पर रखकर जिस तरह चीजें हो रही हैं वो सब चिंताजनक तस्वीर पेश कर रहे हैं। पूर्व नौकरशाहों ने अपने पत्र में कहा है कि इतने बड़े सामाजिक खतरे के सामने आपकी चुप्पी ठीक नहीं है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के आपके वादे को दोहराते हुए हम आपसे ( PM Narendra Modi ) अपील करते हैं कि अपनी चुप्पी को तोड़िए।  


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