कोरोना की दूसरी लहर में 244 डॉक्टरों की हुई मौत, बिहार में सर्वाधिक 69 डॉक्टरों की जान गई
कोरोना काल में देशभर में 1000 डॉक्टरों की मौत हुई है, जिसमें सबसे कम उम्र के डॉक्टर 26 साल के अनस मुजाहिद थे....
जनज्वार। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दावा किया है कि बीते दिन उसके 50 डॉक्टरों की मौत हुई है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने जानकारी देते हुए बताया है कोरोना की दूसरी लहर में उसके 244 डॉक्टर की मौत हुई है। वहीं पिछले साल कोरोना की वजह से 736 डॉक्टरों ने दम तोड़ा था। कुल मिलाकर देशभर में 1000 डॉक्टरों की मौत हुई है। जिस में सबसे कम उम्र के डॉक्टर 26 साल के अनस मुजाहिद थे। जो दिल्ली के तेग बहादुर अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे थे।
कोविड-19 के कारण बिहार में सबसे ज्यादा 69 डॉक्टर की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश में 34 व दिल्ली में 27 डॉक्टरों की मौत हुई है।
आईएमए के अनुसार इन मृतक डॉक्टरों में से केवल 3 फीसदी को ही वैक्सीन मिली थी। भारत में पिछले 5 माह से वैक्सीनेशन चल रहा है लेकिन अब तक केवल 66 फ़ीसदी हेल्थ वर्कर को ही टीका लगाया जा सका है। आईएमए ने कहा है कि यह बेहद गंभीर स्थिति है। लोगों की जान बचाने को जूझ रहे डॉक्टर खुद मौत के मुहाने पर जा खड़े हुए हैं। आईएमए का कहना है कि वह डॉक्टरों के वैक्सीनेशन के लिए हर संभव कोशिश करेगी। डॉक्टरों को ऐसे ही खतरे के सामने नहीं छोड़ा जा सकता।
आईएमए ने कोरोनावायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा सही कदम ना उठाए जाने पर पहले भी केंद्र सरकार की आलोचना की है।आईएमए ने कोरोनावायरस की दूसरी लहर से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय पर बेहद सुस्त होने का आरोप लगाया था। सरकार के सुस्त व लापरवाह रवैये पर आईएमए ने हैरानी जताते हुए कहा था- "सरकार ने कोरोना से लड़ने के लिए आई एम ए की ओर से दिए गए सुझाव को खारिज कर दिया जमीनी हकीकत को जाने बगैर निर्णय लिए जा रहे हैं"।
आपको बता दें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर नवजोत दहिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोरोना की दूसरी वेव के लिए जिम्मेदार भी ठहराया था । दूसरी लहर के प्रसार के दौरान नरेंद्र मोदी द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियों को संबोधित करने पर ट्रिब्यून से बात करते हुए उन्होंने कहा था- जब संपूर्ण चिकित्सा जगत लोगों को कोविड-19 मानदंडों को समझाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है, प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मानदंडों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़ी राजनीतिक रैलियों को संबोधित करने में जरा भी संकोच नहीं किया।