बाबरी विध्वंस के 28 साल बाद आज फैसले की घड़ी, अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बाबरी ढांचे के विध्वंस के 28 साल बाद आज सीबीआई की विशेष अदालत (Special CBI Court) का फैसला आएगा.
लखनऊ: बाबरी ढांचे के विध्वंस के 28 साल बाद आज सीबीआई की विशेष अदालत (Special CBI Court) का फैसला आएगा. इस केस में लालकृष्ण आडवाणी (LalKrishna Advani), मुरली मनोहर जोशी (Murli Manohar Joshi), उमा भारती (Uma Bharti) और राम विलास वेदांती (RamVilas Vedanti) समेत सभी आरोपियों को अदालत में मौजूद रहने के लिए कहा गया है. लखनऊ (Lucknow) में विशेष अदालत सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच फैसला सुनाएगी.
CBI ने विध्वंस को बताया था सुनियोजित साजिश
6 दिसंबर 1992 के दिन अयोध्या में विवादित बाबरी ढांचा ढहा दिया गया था. बाबरी विध्वंस केस (Babari Demolition Case) में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, बाला साहेब ठाकरे, राम विलास वेदांती और उमा भारती समेत 49 आरोपी बनाए गए थे, इनमें से अब सिर्फ़ 32 आरोपी ही जीवित हैं. बाबरी विध्वंस केस के आरोपी डॉक्टर राम विसाल वेदांती कह चुके हैं कि इस केस में उन्हें उम्रक़ैद मिले या फांसी, ये उनका सौभाग्य होगा.
27 अगस्त 1993 से सीबीआई कर रही है जांच
बाबरी विध्वंस मामले की जांच 27 अगस्त 1993 को सीबीआई के हवाले कर दी गई थी. ये मामला 26 सालों तक लटकता रहा. लेकिन 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सो जाना सुनवाई के आदेश दिए थे, साथ ही कहा था कि जबतक ये मामला चलेगा, तबतक जज का ट्रांसफर भी नहीं किया जा सकेगा.
विध्वंस केस में 32 आरोपियों में पांच अहम
लालकृष्ण आडवाणी: 1990 में लालकृष्ण आडवाणी ने ही राम मंदिर आंदोलन को आगे बढ़ाया. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक आडवाणी बाबरी विध्वंस के मुख्य आरोपी हैं.
मुरली मनोहर जोशी, नेता-बीजेपी : सीबीआई चार्जशीट के मुताबिक 6 दिसंबर को जोशी भी बाबरी ढांचे के पास मौजूद थे, और विध्वंस तक वहीं रुके रहे.
उमा भारती, नेता-बीजेपी : सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक उमा भारती पर भीड़ को उकसाने का आरोप है. लिब्रहान आयोग की रिपोर्ट में उमा दोषी बताई गई हैं.
कल्याण सिंह, तत्कालीन मुख्यमंत्री - उत्तर प्रदेश: आरोप है कि कल्याण सिंह ने बाबरी विध्वंस रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. इसे विध्वंस के लिए उकसावा माना गया.
विनय कटियार, नेता- बीजेपी : आरोप है कि विनय कटियार हजारों कारसेवकों को लेकर अयोध्या पहुंचे और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को बाबरी ढांचा गिराने के लिए उकसाया.
कोरोना की वजह से अदालत नहीं पहुंचेंगे बड़े नाम?
सीबीआई की विशेष अदालत ने बाबरी ढांचा विध्वंस केस में सभी आरोपियों को पेश रहने के लिए कहा है, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते उमा भारती वहां मौजूद नहीं होंगी. वहीं, ज्यादा उम्र की वजह से लाल कृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह और नृत्य गोपाल दास के मौजूद होने की संभावना कम है. महंत नृत्य गोपाल दास अभी कोरोना संक्रमण से उबरे हैं और उन्हें डॉक्टरों ने मठ में ही रहने को कहा है.