देश में कल से लागू हो जाएंगे 3 नए आपराधिक कानून, माले ने उठायी बुल्डोजर राज और नये कानूनों के खिलाफ आवाज-UP में मनेगा विरोध दिवस
भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, जो क्रमशः भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लेंगे। इन कानूनों के कार्यान्वयन पर विराम लगाने और उन्हें उचित परीक्षण व विचार-विमर्श के लिए संसद में फिर से पेश करने की मांग की जाएगी। इन्हें जल्दबाजी में पारित किया गया था, जब 146 विपक्षी सांसद निलंबित थे...
India Three New Criminal Laws: भाकपा (माले) तीन नए आपराधिक कानूनों को एक जुलाई से लागू करने और अकबरनगर (लखनऊ) में भीषण बुल्डोजर अभियान चलाकर गरीबों के घरों को ध्वस्त कर दिए जाने के खिलाफ सोमवार (एक जुलाई) को प्रदेश सहित देशभर में विरोध दिवस मनाएगी।
पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि मोदी सरकार के तीन नए कानून (क्रिमिनल कोड) औपनिवेशिक काल के कानूनों से भी ज्यादा दमनकारी बना दिये गए हैं। ये कानून हैं : भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, जो क्रमशः भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह लेंगे। इन कानूनों के कार्यान्वयन पर विराम लगाने और उन्हें उचित परीक्षण व विचार-विमर्श के लिए संसद में फिर से पेश करने की मांग की जाएगी। इन्हें जल्दबाजी में पारित किया गया था, जब 146 विपक्षी सांसद निलंबित थे।
माले नेता ने कहा कि लखनऊ के अकबरनगर में सुंदरीकरण और रिवर फ्रंट बनाने के लिए, कुकरैल नदी किनारे दशकों से बसे गरीब परिवारों के आशियाने पर, मुख्यमंत्री योगी का भीषण बुल्डोजर अभियान चला। करीब 1200 परिवारों के घरों पर बुल्डोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया। अकबरनगर के बाद अब बुल्डोजर अबरारनागर, खुर्रमनगर सहित लखनऊ की दूसरी गरीब बस्तियों पर चलने की तैयारी में है। लखनऊ ही नहीं, अयोध्या सहित अन्य जिलों में भी गरीबों-किसानों-छोटे कारोबारियों की बेदखली हो रही है।
विरोध दिवस के माध्यम से गरीबों की बेदखली रोकने, दमनकारी बुल्डोजर राज पर रोक लगाने, गरीब बस्तियों का नियमितीकरण करने, अकबरनगर के विस्थापितों को पर्याप्त क्षतिपूर्ति के साथ निःशुल्क मकान व नागरिक सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की जाएगी।