Gujrat Liquor: गुजरात में जहरीली शरीब से 70 की मौत, गृह मंत्री को मिलने की नहीं है फुर्सत, पहले ही कर दिया था सूचित

Gujrat Liquor: हैरानी इस मामले को पुलिस ने पहले तो जहरीली शराब कांड के नाम पर रजिस्टर करने से बच रही है. बताया जा रहा है कि राज्य को झकझोर देने वाली इस घटना को पुलिस ने केमिकल कांड करार दिया है.

Update: 2022-08-05 15:40 GMT

Gujrat Liquor: गुजरात में पिछले कई सालों से शराब बंदी है इसी लिए इसे ड्राई स्टेट भी कहा जाता है लेकिन ऐसी रियासत में जहां सालों से शराब बेचने और खरीदने पर ही पाबंदी है वहां ज़हरीली शराब पीने से 70 लोगों को मौत हो जाना साफ तौर पर शासन और प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े करता है. दरअसल गुजरात के बोटाद जिले के बुटलेगर के ठेके पर शराब का इस्तेमाल करने से लगभग 70 लोगों की मौत हो गई.

बरवाल तालुका में हुईं 29 मौतें:

खबरों के मुताबिक बरवाला तालुका में 29 मौतों में से रोजिंद में 9, पोलरपुर में 2, भीमनाथ में 1, चदरवा में 2, रणपुर में 1, देवगना में 3, रणपुरी में 1, कोरडा में 1, धंधुका तालुका में 9 लोगों की मौत हुई है. आसपास के गांवों में महिलाओं और बच्चों की चीख पुकार से पूरे गांव में गम का माहौल है. गांव के श्मशान घाट में चिता जलाने के लिए सिर्फ दो ही चिताएं है इस वजह से कुछ लोगों का जमीन पर अंतिम संस्कार किया गया..

घटना के बाद से ही लोगों में नाराज़गी है क्योंकि सरकार और प्रसाशन की बड़ी लापरवाही के चलते इतने लोग मर गए लेकिन मृतकों के परिवार वालों की खबर लेने अब तक कोई भी सरकारी अफसर या नुमाइंदा नहीं पहुंचा है. अब इस मामले पर विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरना सरकार कर दिया. एक तरफ जहां कांग्रेस इस मामले को लेकर गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है वहीं आम आदमी पार्टी भी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही. इसके अलावा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने शराब बंदी को खोखला बताते हुए उसे हटाने की ही मांग कर दी है.

"शर्म करो गृह मंत्री"

इसके अलावा कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी ने राज्य के गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए ट्वीट में लिखा,"गुजरात के गृह मंत्री इस्तीफ़ा दे. जहरीली शराब पीने से गुजरात में 70 लोगों की मौत हुई लेकिन राज्य के गृहमंत्री आज दिन तक इन परिवारों को देखने नहीं गए. आज यह पीड़ित परिवार सामने चलकर सरकार से मिलने पहुंचे तब भी गृह मंत्री के पास इन्हें सुनने का वक्त नहीं था. गृह मंत्री शर्म करो.

सरपंच ने पहले ही कर दिया था पुलिस सुचित

इस पूरे मामले में तब और ज्यादा हैरानी होती है जब एक गांव के सरपंच यह दावा करते हैं कि उन्होंने इस घटना की पहले ही जानकारी दे दी थी. बताया जा रहा है कि जिस गांव के 9 लोगों की मौत हुई है वहां सपरंच ने तीन महीने पहले ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन को खत लिखकर सरेआम बिक रही शराब की शिकायत दी थी. अब मौतें होने के बाद सपरंच का कहना है कि इन मौतें में पुलिस की भी बड़ी लापरवाही है. सरपंच ने पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया था.

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