9 की घटना को 13 तारीख तक दबाए रहा रक्षा मंत्रालय, विपक्ष के सवाल पर बोले राजनाथ- बीच में छुट्टी थी

India China Clash: अरूणाचल के तवांग में हुई 9 तारीख की घटना को 3 दिन बाद 13 तारीख को बताने पर विपक्ष ने पूछा, तो माननीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- बीच में छुट्टी भी थी। तों क्या छुट्टी की वजह से सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय को टाला...

Update: 2022-12-14 04:44 GMT

9 की घटना को 13 तारीख तक दबाए रहा रक्षा मंत्रालय, विपक्ष के सवाल पर बोले राजनाथ- बीच में छुट्टी थी

India China Clash: अरूणाचल के तवांग में हुई 9 तारीख की घटना को 3 दिन बाद 13 तारीख को बताने पर विपक्ष ने पूछा, तो माननीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- बीच में छुट्टी भी थी। तों क्या छुट्टी की वजह से सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय को टाला? वो भी ऐसी छुट्टी, जिसमें एक दिन पहले सोमवार था और संसद का सत्र भी चला! वैसे बताया ये जाता रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी छुट्टी नहीं लेते।

अरूणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के संबंध में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर स्पष्टीकरण की अनुमति नहीं मिलने पर कल मंगलवार 13 दिसंबर को कांग्रेस सदस्यों ने राज्यसभा से वाकआउट कर दिया। कांग्रेस के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल व झामुमो आदि के सदस्यों ने भी सदन से वाकआउट कर दिया।  

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि यह एक संवेदनशील विषय है और रक्षामंत्री ने अपने बयान में बताया कि सरकार इस विषय को पूरी गंभीरता से ले रही है और आवश्यक कदम उठा रही है। रक्षामंत्री के बयान पर विपक्ष के कई सदस्यों ने स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन उपसभापति ने अतीत के कई उदाहरणों का जिक्र करते हुए मामले को संवेदनशील बताकर ऐसा करने से मना कर दिया।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने वॉकआउट के बाद संवाददाताओं से कहा कि विपक्ष ने बार-बार चीनी अतिक्रमण पर चर्चा करने की मांग की लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि रक्षामंत्री बिना कोई स्पष्टीकरण दिए सदन से चले गये जो देश के लिए अच्छा नहीं है।

खरगे ने कहा कि अगर सरकार कोई स्पष्टीकरण नहीं देती है तो सदन के अंदर बैठने का कोई मतलब नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा कि उपसभापति ने विभिन्न उदाहरणों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1962 के संसद सत्र को कोई कैसे भूल सकता है जब सदन में भारत चीन टकराव पर चर्चा हुई थी

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