नाबालिग ने बच्चे पर ट्रैक्टर चढाया, जुर्म छुपाने के लिए पिता-फूफा ने घायल बच्चे को जिंदा जलाया

ट्रैक्टर चला रहे किशोर के पिता व फूफा ने घटना पर पर्दा डालने के लिए घायल बच्चे का इलाज कराने की जगह उसे जिंदा जला कर शव को तालाब में फेंक दिया...

Update: 2020-11-19 05:16 GMT

जनज्वार। छत्तीसगढ के बेमेतरा जिले कोतवाली थाने के बोरिया गांव में एक नाबालिग लड़के ने 13 साल के एक बच्चे पर ट्रैक्टर चढा दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। इसके बाद किशोर के अपराध पर पर्दा डालने के लिए उसके पिता ने घायल बच्चे को जीवित जला दिया और सबूत छिपाने के लिए उसे तालाब में फेंक दिया। उल्लेखनीय है कि नाबालिग का वाहन चलाना प्रतिबंधित है और किसी के लिए भी इसके लिए ड्राइविंग लाइसेंस जरूरी है।

मृतक बच्चे का नाम एलेश्वर है। बीते मंगलवार को एक शव तालाब में तैरती मिली थी, शव पानी में फूल गया था, इस कारण उसकी पहचान में दिक्कत आ रही थी। हालांकि जांच के बाद एलेश्वर के शव के रूप में उसकी पहचान हुई।

पड़ोस के गांव खुरूसबोड़ में 10 नवंबर को एक बच्चे के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दर्ज करायी गई थी। उस घटना व तालाब में मिले शव दोनों के कनेक्शन को जोड़ते हुए जांच की गई तो एलेश्वर के शव के रूप में उसकी पहचान हुई।

जानकारी के अनुसार, नौ नवंबर को ओमप्रकाश साहू ने अपने नाबालिग बेटे को ट्रैक्टर चलाने दिया था। इस दौरान 13 साल का एलेश्वर उससे घायल हो गया था। उसके सिर में गंभीर चोट आयी थी। इसके बाद ट्रक चला रहा नाबालिग घबरा गया और उसने इसकी सूचना अपने पिता ओमप्रकाश साहू को दी। इसके बाद ओमप्रकाश साहू और उसके जीजा शिवकुमार साहू ने मामले का खुलासा होने के भय से घटनास्थल बोरिया गांव के तालाब के पास पहुंचे और घायल एलेश्वर को पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दिया।

उसकी मौत हो जाने के बाद शव को दो सीमेंट के फेसिंग पोल से बांधकर तालाब में फेंक दिया, ताकि शव उपर न आ सके। बावजूद इसके शव सड़कर पानी के सतह पर आ गया। उसे सकोटवार ने देखा और पुलिस को सूचना दी। कपड़े और गले की माला से उसकी पहचान एलेश्वर के शव के रूप में की गई। इसके बाद पूछताछ हुई तो ओमप्रकाश व उसके जीजा शिवकुमार का गुनाह सामने आया।

किशोर लड़के को किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया गया है। बेमेतरा कोतवाली थाना पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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